scriptजरूरतमंद को खुशी दी तो रमजान सफल | Ramazan succeeded if he gave happiness to the needy | Patrika News

जरूरतमंद को खुशी दी तो रमजान सफल

locationकोटाPublished: May 16, 2019 12:37:44 am

Submitted by:

Anil Sharma

कोटा. मजबूत इरादे के साथ उठे कदम राह की रुकावटों की परवाह किए बगैर मंजिल पर पहुंच ही जाते है, ठीक वैसे ही मजबूत ईमान के साथ रखा गया रोजा रोजेदार को मगफिरत की मंजिल पर पहुंचा देता है।

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कोटा. मजबूत इरादे के साथ उठे कदम राह की रुकावटों की परवाह किए बगैर मंजिल पर पहुंच ही जाते है, ठीक वैसे ही मजबूत ईमान के साथ रखा गया रोजा रोजेदार को मगफिरत की मंजिल पर पहुंचा देता है।

कोटा. मजबूत इरादे के साथ उठे कदम राह की रुकावटों की परवाह किए बगैर मंजिल पर पहुंच ही जाते है, ठीक वैसे ही मजबूत ईमान के साथ रखा गया रोजा रोजेदार को मगफिरत की मंजिल पर पहुंचा देता है। ईमान की मजबूती से आशय दिक्कतों के बावजूद अल्लाह को याद करना, इबादत करना और दुखों से सामना हो तब भी नेक अमल नहीं छोडऩा। अल्लाह ने बेशक रोजेदारों से मगफिरत का वादा किया है, लेकिन वह अपने बंदों की आजमाइश भी करता है।
अरफात पेट्रोकेमिकल ग्रुप के डायरेक्टर युसूफ लिलामवाला बताते हैं कि पवित्र कुरआन में जिक्र है, नेकी करो मां-बाप के साथ, परिवार, अनाथों, फकीरों, पड़ोसियों और मुसाफिरों के साथ। खुलासा यह है कि माता-पिता की खिदमत करने का हुक्म अल्लाह ने दिया है। यह खिदमत औलाद इस तरह करे कि माता-पिता की इज्जत और अदब में कोई कमी न आए। हदीस में उल्लेख है, माता-पिता की सेवा नहीं करने वाले इंसान की मगफिरत नहीं होती। उनकी खिदमत से बढ़कर दुनिया में और कोई नेक अमल नहीं हो सकता। हजरत मोहम्मद साहब का फरमान है अपने माता-पिता, मुल्क और दुनिया की खुशहाली व अमन-सुकून के लिए दुआ करो। युसूफ कहते हैं, रोजा इंसान को यह अहसास करता है कि आखिर जिन लोगों को एक वक्त की रोटी भी नसीब नहीं होती वे किन हालातों में जीते होंगे। इसी दर्द को समझने का नाम रमजान है।
रमजान तभी सार्थक है जब किसी जरूरतमंद के चेहरे पर ईद की खुशी लाने में आप सफल हो गए हों। रमजान में सख्त हिदायत है कि जैसा नए कपड़े लाने की खुशी आप को ईद का अहसास कराए वहीं अहसास जरूरतमंद को भी हो। तभी सही मायने में आप रोजेदार कहलाओगे।
अफ्तार किट बांटी
अंजुमन अंसार ट्रस्ट की ओर से रमजान माह के मौके पर बुधवार को आयोजित कार्यक्रम में रोजा अफ्तार किटों का वितरण किया गया। ट्रस्ट के सदर शुजाउद्दीन अंसारी ने बताया कि समाज के जरूरतमंदों, विधवाओं व मुस्तहिकों को ४५ रोजा अफ्तार किट दिए गए। उन्होंने बताया कि रोजा अफ्तार किट में एक परिवार का एक महिने का किराना मय अन्य जरूरत का सामान व सौ रुपए नकद दिए गए। इस दौरान ट्रस्ट के सैक्रेट्री शौकत अंसारी, नायब सदर इलियास अंसारी, नायब सैक्रेट्री अब्दुल गफ्फार उपस्थित रहे।
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