रामगढ़ टाइगर रिज़र्व का कोर एवं बफर एरिया 1500 वर्ग किलोमीटर होगा
राजस्थान प्रदेश में वन्यजीवों, वन्यजीव प्रेमियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए ऐतिहासिक क्षण हैं कि रामगढ़ विषधारी अभयारण्य (बूंदी) को केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने राजस्थान का चौथा टाइगर रिज़र्व घोषित किया है।
कोटा
Published: May 17, 2022 05:54:25 pm
कोटा. राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर रामगढ़ विषधारी अभयारण्य को टाइगर रिज़र्व घोषित किया है। वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग मंत्री हेमाराम चौधरी ने बताया कि राज्य सरकार एवं वन विभाग के अथक प्रयासों से रामगढ़ विषधारी अभयारण्य राज्य का चतुर्थ नया टाइगर रिज़र्व घोषित किया गया है। चौधरी ने बताया कि वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 (1972 का केंद्रीय अधिनियम संख्या 53) की धारा 38 फ की शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रीय टाइगर संरक्षण प्राधिकरण की सिफ़ारिश एवं संबंधित ग्राम सभा एवं विशेषज्ञ समिति से परामर्श उपरांत राज्य सरकार ने रामगढ़ विषधारी अभ्यारण को टाइगर रिज़र्व घोषित किया। रामगढ़ टाइगर रिज़र्व का कोर एवं बफर एरिया लगभग 1500 वर्ग किलोमीटर है। इसमें रामगढ़ अभयारण्य का 225 वर्ग किलोमीटर एवं चम्बल घड़ियाल सेंचुरी का 256 वर्ग किलोमीटर एवं बफर एरिया 1019 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र शामिल होगा।
वन मंत्री ने बताया कि राजस्थान प्रदेश में वन्यजीवों एवं वन्यजीव प्रेमियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए ऐतिहासिक क्षण हैं कि रामगढ़ विषधारी अभयारण्य (बूंदी) को केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने राजस्थान का चौथा टाइगर रिज़र्व घोषित किया हैं। इससे पूर्व रणथंभौर, सरिस्का एवं मुकंदरा हिल्स टाईगर रिज़र्व राजस्थान में बाघों के लिए रिज़र्व हैं। उन्होंने बताया कि रामगढ़ विषधारी अभयारण्य के टाइगर रिज़र्व होने से रणथंभौर से लेकर मुकंदरा तक बाघों की निर्बाध रूप से आवाजाही हो सकेगी। इससे प्रदेश में रोज़गार एवं पर्यटन क्षेत्र में भी नए अवसर सृजित हो सकेंगे। राजस्थान प्रदेश में वन्यजीवों, वन्यजीव प्रेमियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए ऐतिहासिक क्षण हैं कि रामगढ़ विषधारी अभयारण्य (बूंदी) को केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने राजस्थान का चौथा टाइगर रिज़र्व घोषित किया है

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