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Rajasthan: महिला से बलात्कार और उसकी नृशंस हत्या के 5 साल पुराने मामले में न्यायालय ने दिया आजीवन कारावास और 25 हजार रुपए का अर्थदंड

Kota News: मामले में डीएनए रिपोर्ट के आधार पर मृतका के हाथ में मिले दो बाल आरोपी देवकरण के मिले, जो सजा दिलाने में अहम सबूत बन गए। मामले में लोक अभियोजक की ओर से 23 गवाह और 45 सबूत पेश किए गए।

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कोटा

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Akshita Deora

Oct 10, 2024

Rape And Murder Case: महिला से बलात्कार और उसकी नृशंस हत्या के पांच साल पुराने मामले में हत्या करते समय संघर्ष के दौरान मृतका के हाथ में आए आरोपी के सिर के बाल उसे जेल पहुंचाने के लिए अहम सबूत बन गए। कोटा के एससी/एसटी विशिष्ट न्यायालय ने आरोपी के खिलाफ मिले 45 सबूतों के आधार पर उसे दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और 25 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।

विशिष्ट लोक अभियोजक हितेश जैन ने बताया कि 1 नवम्बर 2019 की शाम को एसआई मोहनलाल जाप्ते समेत गश्त कर रहे थे। तभी उन्हें किराए पर रहने वाले गोविंद ने बताया कि वह ठेला लगाता है। उसने अपने भांजे को कमरे पर नहाने और गुड़-इमली लेकर आने के लिए भेजा था। इस पर भांजे ने लौटकर बताया कि मकान के बरामदे में एक खून से सना कट्टा पड़ा है और बरामदे में खड़ी बाइक बाहर खड़ी है। इस पर वह कमरे पर पहुंचा तो पाया कि खून से सने कट्टे का मुंह बंद था। वह थाने जा ही रहा था कि पुलिस आती दिखी, इस पर उसने पुलिस जीप रुकवा कर मामले की सूचना दी। पुलिस ने सूचना आला अधिकारियों, एफएसएल, एमओबी और डॉग स्क्वायड को दी। कट्टा खोलने पर उसमें केसरिया कपड़े पहने एक महिला का शव मिला। महिला का गला कपड़े से घोंटकर कपड़ा गले में ही छोड़ दिया था।

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इसके अलावा महिला के हाथ से संघर्ष के दौरान आरोपी के बाल भी बरामद किए गए। इस पर पुलिस ने तफ्तीश करते हुए किराएदार गोविंद गुर्जर के कमरे की तलाशी ली, जहां खून सनी पेंट मिली। इस पर गोविंद ने पूछताछ में बताया कि उसके साथ धुलेट निवासी देवकरण उर्फ किशन भी रहता था, जिसे वह सुबह ठेला लगाने आते समय सोता हुआ छोड़कर आया था। इसके बाद से देवकरण फरार था। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू की। 7 नवम्बर को मृतका की पहचान हो गई। आरोपी को 23 नवम्बर 2019 को गिरफ्तार कर लिया गया।

मामले में डीएनए रिपोर्ट के आधार पर मृतका के हाथ में मिले दो बाल आरोपी देवकरण के मिले, जो सजा दिलाने में अहम सबूत बन गए। मामले में लोक अभियोजक की ओर से 23 गवाह और 45 सबूत पेश किए गए। इस आधार पर न्यायालय ने आरोपी को दोषी मानते हुए देवकरण उर्फ किशन को आजीवन कारावास और 25 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया।