5 दिन में यात्रा पूरी कर हुई वापसी
हेमंत ने बताया कि 4 से 8 जून तक पांच दिन में उन्होंने यात्रा पूरी करके वापसी की। हिमाचल के कसोल बेस कैंप से प्रारम्भ इस यात्रा में उन्होंने हिमालय की पहाडिय़ों में 50 किलोमीटर पैदल चलते हुए यात्रा पूरी की। यात्रा के अंतिम पड़ाव में उन्हें 1 लीटर पानी में 2 दिन गुजाने पड़े।
हेमंत ने बताया कि 4 से 8 जून तक पांच दिन में उन्होंने यात्रा पूरी करके वापसी की। हिमाचल के कसोल बेस कैंप से प्रारम्भ इस यात्रा में उन्होंने हिमालय की पहाडिय़ों में 50 किलोमीटर पैदल चलते हुए यात्रा पूरी की। यात्रा के अंतिम पड़ाव में उन्हें 1 लीटर पानी में 2 दिन गुजाने पड़े।
कोटा में खाने और रूकने के नहीं थे पैसे तो रोज 200 किमी का
सफर तय किया, अब किसान की बेटी बनेगी डॉक्टर.. लौटते वक्त मौसम हुआ खराब
सरपास चोटी से वापसी के दौरान मौसम खराब होता देख दल ने यह तय किया कि अगले दो पड़ावों को एक ही दिन में पूरा करना होगा। दल के सभी सदस्यों ने लगातार 12 घंटे तक चलते हुए हिमालय के दुर्गम रास्तों में 24 किलोमीटर की दूरी तय की।
सफर तय किया, अब किसान की बेटी बनेगी डॉक्टर.. लौटते वक्त मौसम हुआ खराब
सरपास चोटी से वापसी के दौरान मौसम खराब होता देख दल ने यह तय किया कि अगले दो पड़ावों को एक ही दिन में पूरा करना होगा। दल के सभी सदस्यों ने लगातार 12 घंटे तक चलते हुए हिमालय के दुर्गम रास्तों में 24 किलोमीटर की दूरी तय की।
पंखे से लटककर पुलिस जवान की पत्नी ने दी जान ,
मौत से पहले बनाया वीडियो स्वस्थ्य व उर्जावान रहने का दिया संदेश
हेमंत ने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य रावतभाटा के लोगों को स्वस्थ एवं ऊर्जावान बने रहने का संदेश देना था। हेमंत ने हिमालय की चोटी पर पहुंच कर ध्यान, साधना करके लोगों को सन्देश देने का प्रयास किया कि जीवन में जल्दबाजी नहीं करते हुए इंसान को हर कदम शांत मन से सोच संभल कर रखना चाहिए।
मौत से पहले बनाया वीडियो स्वस्थ्य व उर्जावान रहने का दिया संदेश
हेमंत ने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य रावतभाटा के लोगों को स्वस्थ एवं ऊर्जावान बने रहने का संदेश देना था। हेमंत ने हिमालय की चोटी पर पहुंच कर ध्यान, साधना करके लोगों को सन्देश देने का प्रयास किया कि जीवन में जल्दबाजी नहीं करते हुए इंसान को हर कदम शांत मन से सोच संभल कर रखना चाहिए।