scriptराजस्थान सरकार के इस ऑफर के बाद रेजीडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल खत्म,फिर से पटरी पर आएगी चिकित्सा व्यवस्था | Resident doctors' strike ended in kota rajasthan | Patrika News

राजस्थान सरकार के इस ऑफर के बाद रेजीडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल खत्म,फिर से पटरी पर आएगी चिकित्सा व्यवस्था

locationकोटाPublished: Dec 05, 2019 10:06:57 pm

Submitted by:

Suraksha Rajora

सरकार ने मांगें मानी, समझौता पत्र पर जताई सहमति,अब शुक्रवार सुबह 9 बजे से सभी रेजीडेंट डॉक्टर काम पर लौटेंगे।

राजस्थान सरकार के इस ऑफर के बाद  रेजीडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल खत्म,फिर से पटरी पर आएगी चिकित्सा व्यवस्था

राजस्थान सरकार के इस ऑफर के बाद रेजीडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल खत्म,फिर से पटरी पर आएगी चिकित्सा व्यवस्था

कोटा.तीन दिन से जारी रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल गुरुवार को देर शाम खत्म हो गई दरअसल, रेजिडेंट डॉक्टर्स को राज्य सरकार की ओर से उनकी मांगों को लेकर दिए गए ऑफर पर रेजीडेंट्स की जीबीएम में सकारात्मक रूझान मिले। राजधानी जयपुर में एचआरए और फीस वृद्धि को कम करने के ऑफर पर जीबीएम में चर्चा के बाद अब सरकार के साथ फिर से वार्ता हुई ।
मेडिकल कॉलेज के तीनों बड़े अस्पतालों में रेजीडेंट चिकित्सकों की हड़ताल के चलते तीसरे दिन गुरुवार को भी रोगी और तीमारदार अव्यस्थाओं से संघर्ष करते रहे। शाम को चिकित्सा विभाग के प्रमुख शासन सचिव वैभव गालरिया के साथ हुई बातचीत के बाद हड़ताल समाप्त हो गई। सरकार ने मांगें मान ली।

अब शुक्रवार सुबह 9 बजे से सभी रेजीडेंट डॉक्टर काम पर लौटेंगे। इससे पहले गुरुवार को एमबीएस अस्पताल में भर्ती रोगियों को भी आउटडोर में बैठे चिकित्सकों को दिखाना पड़ा। कई चिकित्सक अतिरिक्त कार्य के चलते राउंड तक नहीं ले पाए। तीनों अस्पतालों में रोजाना औसत 50 से 65 ऑपरेशन होते हैं, लेकिन गुरुवार को 19 ऑपरेशन ही हो पाए। करीब 31 ऑपरेशन टालने पड़े।
चिकित्सकों के अनुसार गंभीर रोगियों के ऑपरेशन को प्राथमिकता दी जा रही है। निश्चेतना विभागाध्यक्ष डॉ. चेतन शुक्ला ने बताया कि एमबीएस में 5, जेकेलोन अस्पताल में 5 और नए चिकित्सालय में 9 ऑपरेशन किए गए। जेकेलोन अस्पताल में भर्ती बच्चों के माता-पिता परेशान नजर आए। जब डॉक्टर वार्ड में उपलब्ध नहीं हुए तो बच्चों को गोद में उठाकर वरिष्ठ चिकित्सकों को दिखाया। मेडिकल कॉलेज के नवीन चिकित्सालय में भी ऐसे ही हाल नजर आए।

जेकेलोन में रिश्तेदार के बच्चे का हाल जानने आए पूनम कॉलोनी के अंकित ने कहा कि यदि रेजीडेंट चिकित्सकों की मांग उचित है तो सरकार को ध्यान देकर जल्द हड़ताल खत्म करानी चाहिए। वहीं रेजीडेंट चिकित्सक भी मानवता के नाते रोगियों की जान खतरे में नहीं डालें और अपनी जिद छोड़कर काम पर लौट आएं। गौरतलब है कि कोटा रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन पीजी पाठ्यक्रम का शुल्क बढ़ाने, अस्पतालों में रेजीडेंट चिकित्सकों की सुरक्षा बढ़ाने, बकाया वेतन और एनओसी के मुद्दों को लेकर हड़ताल पर थी।
चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया के साथ होने वाली इस वार्ता के सकारात्मक रहने की उम्मीद बताई जा रही है. जानकारी के अनुसार रेजीडेंट डॉक्टर्स हड़ताल को लेकर सरकार ने फीस वृद्धि मामले में 30 हजार रुपये फीस करने और 3 साल की कैपिंग का ऑफर दिया है. एचआरए मामले में फ्रेशर्स को 2 हजार रुपए का अलाउंस देने और रेजिडेंट डॉक्टर की सुरक्षा के लिए नए टेंडर पर पहले ही सहमति बन चुकी है.

ट्रेंडिंग वीडियो