उन्होंने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए एफआईआर की जांच में शुमार साक्ष्य सही नहीं मिलने पर दोषी अनुसंधान अधिकारी व उसके साथ शामिल षड्यंत्र कारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
जानकारी के अनुसार कोटा दुर्गा कॉलोनी निवासी शाहरुख खान (20) ने वर्ष 2017 में बस चालक भंवरलाल सुमन व बस मालिक महेश कुमार शर्मा व नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ अधिकरण में परिवाद प्रस्तुत किया था। जिसमें उसने बताया कि सरफू 11 नवंबर 2017 को शाम करीब 5 बजे अपनी बाइक केशोरायपाटन की ओर से कोटा आ रहा था। इसी दौरान पाटन रोड पर बस चालक ने उसे टक्कर मार दी।
जिसकी उपचार के दौरान चिकित्सालय में मृत्यु हो गई। मामले में केशोराय पाटन पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज करवाया गया। इस मामले की जांच एएसआई हजारी सिंह को सौंपी गई। जिसमें अनुसंधान के दौरान गलत रूप से अनुसंधान करते हुए वाहन को ही बदल दिया। प्रथम दृष्टया जिसने जिस वाहन के खिलाफ आरोप पत्र प्रमाणित पाया गया था। उसे समुचित आधार के बिना बदलते हुए एक अन्य चालक के विरुद्ध आरोप पत्र Court में पेश कर दिया। आरोप पत्र का अवलोकन करने के बाद न्यायालय ने चार्जशीट में संदेह व्यक्त किया।
जिसमें उन्होंने बताया कि दुर्घटना मामलों में जो वाहन प्रमाणित हो जाता है, फिर किसी उचित कारण के बिना वाहन स्वामी के अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए अनुसंधान के नाम पर किसी उचित कारण के बिना वाहन को नहीं बदला जा सकता, लेकिन अनुसंधान अधिकारी ने इस मामले में वाहन को ही बदल दिया। जो कि भ्रष्टाचारकी श्रेणी में आता है।
इस मामले में न्यायालय ने जांच के लिए कोटा रेंज के आईजी बिपिन कुमार पाण्डेय को मामले की जांच पुलिस उप अधीक्षक स्तर के अधिकारी से करवाने के निर्देश दिए। जिसमें एफआईआर में एकत्रित साक्ष्य अथवा अंतिम परिणाम की जांच कर इसे प्रमाणिक करने व जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर तुरंत प्रभाव से दोषी अनुसंधान अधिकारी व साथियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। न्यायालय ने मामले में कार्रवाई व प्रगति रिपोर्ट न्यायालय के समक्ष 2 माह में पेश करने के निर्देश दिए।