कोटा

गर्मी ने बढ़ाई डेयरी उत्पादों की खपत

मार्च के अंतिम सप्ताह में गर्मी का असर बढ़ते ही डेयरी उत्पादों की खपत बढ़ गई है। छाछ, लस्सी, श्रीखंड, दही की मांग बढ़ गई है। इसके चलते कोटा डेयरी में

कोटाMar 30, 2018 / 12:11 am

​Zuber Khan

kota dairy

कोटा . मार्च के अंतिम सप्ताह में गर्मी का असर बढ़ते ही डेयरी उत्पादों की खपत बढ़ गई है। छाछ, लस्सी, श्रीखंड, दही की मांग बढ़ गई है। इसके चलते कोटा डेयरी में रोजाना करीब 8-10 हजार लीटर दूध से शीतल पेय पदार्थ तैयार किए जा रहे हैं। पिछले साल की अपेक्षा इस साल फरवरी माह में विभिन्न शीतल पेय पदार्थों की खपत में 50 फीसदी तक बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
पिछले साल सादा छाछ की फरवरी माह में 20 हजार लीटर की खपत थी, जो इस साल फरवरी में बढ़कर 35900 लीटर पर पहुंच गई। वहीं लस्सी की खपत 5170 से बढ़कर 7786 लीटर हो गई। नमकीन छाछ की खपत 10480 से बढ़कर 20430 लीटर हो गई। वहीं श्रीखंड की खपत 1384 से बढ़कर 1912 किलो, दही की खपत 10830 से 11260 किलो हो गई।

घटी दूध की आवक
गर्मी के कारण डेयरी में दूध की आवक कम होती जा रही है। डेयरी में पंजीकृत 712 दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के माध्यम से कोटा व बूंदी जिले के 25 हजार पशुपालकों द्वारा जनवरी माह के तीसरे सप्ताह तक प्रति दिन डेढ़ लाख लीटर दूध की आवक हो रही थी, जो वर्तमान में 20000 लीटर घटकर औसत एक लाख 30 हजार लीटर तक रह गई है। इसमें से 70 हजार लीटर दूध बाजार में सरस के विभिन्न पैकिंग में बेचा जा रहा है। 10 हजार लीटर से शीतल पेय उत्पाद तैयार किया जा रहा है। शेष 50 हजार लीटर दूध का पाउडर व घी बनाया जा रहा है।

डेयरी प्लांट का होगा विस्तार

3 लाख लीटर प्रतिदिन दूध प्रोसेसिंग के लिए डेयरी प्रबंधन ने आरसीडीएफ को 30 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर भेजा है। इसे आरसीडीएफ ने नेशनल डेयरी डवलपमेंट बोर्ड को भेजा है। कोटा डेयरी के अध्यक्ष श्रीलाल गुंजल ने बताया कि वर्तमान में कोटा डेयरी में डेढ़ लाख लीटर दूध संग्रहण, प्रोसेसिंग क्षमता का प्लांट है। भविष्य को देखते हुए प्लांट का विस्तार किया जाना आवश्यक है। इसके लिए डेढ़ लाख लीटर दूध प्रोसेसिंग प्लांट लगाने के लिए पहले तो 22 करोड़ का प्रस्ताव आरसीडीएफ को भेजा था। बाद में आरसीडीएफ ने प्रस्ताव को संशोधित मंगवाया। इस पर अब 30 करोड़ का बनाकर भेजा गया है, जो आरसीडीएफ ने एनडीडीबी को भेज दिया।

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