scriptखून से सनी कोटा की सड़कें, हर 3 दिन में बुझ रहा 1 परिवार का चिराग, 7 माह में 66 लोग हो चुके मौत का शिकार | Road Accident: 66 people died in 7 months at kota | Patrika News

खून से सनी कोटा की सड़कें, हर 3 दिन में बुझ रहा 1 परिवार का चिराग, 7 माह में 66 लोग हो चुके मौत का शिकार

locationकोटाPublished: Aug 21, 2019 01:25:02 pm

Submitted by:

​Zuber Khan

Road Accident: सड़क हादसों में इस साल के बीते सात माह में अब तक कोटा शहर में 66 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं,

Road Accident

खून से सनी कोटा की सड़कें, हर 3 दिन में बुझ रहा 1 परिवार का चिराग, 7 माह में 66 लोग हो चुके मौत का शिकार

कोटा. सड़क हादसों ( Road Accident ) में इस साल के बीते सात माह में अब तक कोटा शहर में 66 लोग ( People Died ) अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि 296 दुर्घटनाओं में घायल हुए। ( people Injured ) तीन साल के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो इस वर्ष चार दिन में सड़क दुर्घटना में जाने वाली जान का आंकड़ा खिसककर तीन पर आ गया है। तीन वर्षों के आकड़ों पर नजर डाले तो। वर्ष 2017 में सड़क दुर्घटनाओं में जुलाई तक 49, वर्ष 2018 में जुलाई तक 55 तथा वर्ष 2019 में जुलाई माह तक 66 लोगों ने दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाई।
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हेलमेट लगाया होता तो बच जाती जिन्दगी
दुर्घटनाओं में दुपहिया वाहन चालकों के जान गंवाने का प्रमुख कारण एक बार फिर हेड इंजरी उभर कर सामने आया है। दुर्घटनाओं में मृतक या घायल लोगों में से अधिकांश ने हेलमेट नहीं लगा रखा था। इस साल दुर्घटनाओं में दुपहिया वाहन चालक मृतक 59 लोगों में से केवल दो ने हेलमेट लगा रखा था। जबकि करीब पांच दर्जन लोग हेलमेट पहने होने से बच गए। अगर हेलमेट पहना होता तो इनमें से अधिकांश जानें बच जाती। इसके अलावा 7 जनों की सड़क दुर्घटना में अन्य कारणों से मौत हुई।

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ओवरस्पीड से कई गुना बढ़ जाता खतरा
दुर्घटना के ज्यादातर मामलों में वो मामले शामिल हैं जिनमें निर्धारित सीमा से अधिक गति गति से बाइक चलाने पर गंभीर दुर्घटना के अलावा खतरनाक इंजरी व गंभीर हेड इंजरी का खतरा कई गुना तक बढ़ जाता है। ऐसे में वे युवा जो पावर बाइक्स का इस्तेमाल करते हैं, उनकी चपेट में आने वाले घायल होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं।

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आवारा मवेशी, गड्ढे और रोंग साइड वाहन भी कारण
शहर में बरसात के चलते आवारा मवेशियों ने सूखे स्थान की तलाश में सड़कों पर डेरा जमा लिया है। वहीं नगर निगम प्रशासन इस समस्या से निजात नहीं दिला पा रहा। इससे शहर में फिलहाल आवारा मवेशियों की संख्या पर प्रभावी अंकुश लगता नजर नहीं आ रहा। मवेशियों, सड़कों पर गड्ढे और गलत दिशा में वाहन चलाने के कारण भी दुर्घटनाओं के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

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हेलमेट लगाना सुरक्षित
सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक दुपहिया वाहन चालकों व सवारों की जान जा रही है। इसमें भी सर्वाधिक हेलमेट न लगाने से हेड इंजरी से जान गंवा रहे हैं। ये दुखद है। यातायात पुलिस लोगों की समझाइश करती है। आवश्यकता होने पर चालान भी करती है। दुपहिया वाहन पर हेलमेट लगाकर ही वाहन चलाना चाहिए।
नारायण लाल विश्नोई, उप अधीक्षक, यातायात पुलिस, कोटा

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