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हेलमेट लगाया होता तो बच जाती जिन्दगी
दुर्घटनाओं में दुपहिया वाहन चालकों के जान गंवाने का प्रमुख कारण एक बार फिर हेड इंजरी उभर कर सामने आया है। दुर्घटनाओं में मृतक या घायल लोगों में से अधिकांश ने हेलमेट नहीं लगा रखा था। इस साल दुर्घटनाओं में दुपहिया वाहन चालक मृतक 59 लोगों में से केवल दो ने हेलमेट लगा रखा था। जबकि करीब पांच दर्जन लोग हेलमेट पहने होने से बच गए। अगर हेलमेट पहना होता तो इनमें से अधिकांश जानें बच जाती। इसके अलावा 7 जनों की सड़क दुर्घटना में अन्य कारणों से मौत हुई।
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ओवरस्पीड से कई गुना बढ़ जाता खतरा
दुर्घटना के ज्यादातर मामलों में वो मामले शामिल हैं जिनमें निर्धारित सीमा से अधिक गति गति से बाइक चलाने पर गंभीर दुर्घटना के अलावा खतरनाक इंजरी व गंभीर हेड इंजरी का खतरा कई गुना तक बढ़ जाता है। ऐसे में वे युवा जो पावर बाइक्स का इस्तेमाल करते हैं, उनकी चपेट में आने वाले घायल होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं।
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आवारा मवेशी, गड्ढे और रोंग साइड वाहन भी कारण
शहर में बरसात के चलते आवारा मवेशियों ने सूखे स्थान की तलाश में सड़कों पर डेरा जमा लिया है। वहीं नगर निगम प्रशासन इस समस्या से निजात नहीं दिला पा रहा। इससे शहर में फिलहाल आवारा मवेशियों की संख्या पर प्रभावी अंकुश लगता नजर नहीं आ रहा। मवेशियों, सड़कों पर गड्ढे और गलत दिशा में वाहन चलाने के कारण भी दुर्घटनाओं के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
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हेलमेट लगाना सुरक्षित
सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक दुपहिया वाहन चालकों व सवारों की जान जा रही है। इसमें भी सर्वाधिक हेलमेट न लगाने से हेड इंजरी से जान गंवा रहे हैं। ये दुखद है। यातायात पुलिस लोगों की समझाइश करती है। आवश्यकता होने पर चालान भी करती है। दुपहिया वाहन पर हेलमेट लगाकर ही वाहन चलाना चाहिए।
नारायण लाल विश्नोई, उप अधीक्षक, यातायात पुलिस, कोटा