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गृह विभाग से मिला खिलाफ केस वापस लेने का आदेश, तोगडिय़ा निषेधाज्ञा उल्लंघन का मामला…

locationसवाई माधोपुरPublished: Jan 18, 2018 12:28:23 pm

Submitted by:

Shubham Mittal

गृह विभाग से मिला आदेश, तोगडिय़ा निषेधाज्ञा उल्लंघन का मामला…

प्रवीण तोगडिय़ा के खिलाफ केस वापस लेने का प्रार्थना पत्र पेश

प्रवीण तोगडिय़ा के खिलाफ केस वापस लेने का प्रार्थना पत्र पेश

गंगापुरसिटी. विहिप नेता प्रवीण तोगडिय़ा सहित अन्य के खिलाफ न्यायालय में चल रहे निषेधाज्ञा उल्लंघन के प्रकरण को वापस लेने का राज्य सरकार का आदेश बुधवार को यहां पहुंच गया। सूत्रों के अनुसार गृह विभाग का आदेश मिलने के बाद सहायक अभियोजन अधिकारी कुलदीप बरौलिया की ओर से न्यायालय न्यायिक मजिस्टे्रट क्रमांक संख्या दो में केस वापस लेने बाबत प्रार्थना पत्र भी प्रस्तुत कर दिया गया है, जिस पर न्यायालय द्वारा सुनवाई के लिए पत्रावली के साथ पेश करने का आदेश दिया है। प्रार्थना पत्र के साथ दो पत्र पेश किए गए है। मामले की आगामी तिथि 20 जनवरी नियत है।
यूं चला मामला
शहर में धार्मिक विवाद के चलते बालाजी चौक मंदिर के पास 25 मार्च 2002 को तीन जनों की मौत हो गई थी। इसके बाद शहर में कफ्र्यू भी लगाया गया। जनसंघर्ष समिति की ओर से सभा करने की अनुमति मांगी थी, लेकिन प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। इस दौरान निषेधाज्ञा लगी होने के बाद भी 3 अप्रेल 2002 को बस स्टैण्ड के पास एक मैरिज होम में तोगडिय़ा व अन्य ने सभा की। साथ ही मृतकों के घर जाकर परिजनों से भेंट की।
इस पर तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक गोविन्द देथा की ओर से तोगडिय़ा सहित १७ जनों के खिलाफ कस्बे में लागू धारा 144 की निषेधाज्ञा के उल्लंघन का कोतवाली थाने में मामला दर्ज कराया था। अनुसंधान के बाद पुलिस की ओर से अदम बकू तथ्य की भूल किता कर 13 अप्रेल 2003 को न्यायालय में एफआर प्रस्तुत कर दी। इसके बाद तत्कालीन उप जिला मजिस्टे्रट विकास भाले की ओर से एसीजेएम न्यायालय में 19 अप्रेल 2003 को सभी 17 जनों के खिलाफ निषेधाज्ञा उल्लंघन को लेकर परिवाद दायर किया। इस पर न्यायालय ने 24 अगस्त 2003 को सभी 17 जनों के खिलाफ प्रसंज्ञान लिया था। वर्तमान में यह प्रकरण न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या दो में विचाराधीन है।
यह है आदेश में यह है आदेश में यह है आदेश में
राजस्थान सरकार के गृह विभाग की ओर से बुधवार को जारी जिला मजिस्टे्रट को सम्बोधित पत्र में न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या दो में विचाराधीन परिवाद संख्या 107/2015 सरकार बनाम रमेशचंद को वापस लेने को कहा है। साथ ही प्रकरण वापस लिए जाने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 195 (2) में आदेश जारी करने को कहा है। गृह विभाग की ओर से पूर्व में जारी 9 जून 2015 के पत्र का भी उल्लेख किया गया है। पूर्व का यह पत्र भी न्यायालय में पेश किया गया है।
अधिकांश ने कराई थी जमानत

प्रकरण में नामजद अधिकांश व्यक्तियों ने जमानत करा ली थी, जबकि वैद्य गोविन्द सहाय शर्मा, डॉ. प्रकाश अग्रवाल व डॉ. हरिचरण शर्मा की मौत हो चुकी है। विहिप नेता प्रवीण तोगडिय़ा न्यायालय में पेश नहीं हुए। इस पर ६ बार सम्मन तथा बाद में जमानती और गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए। हाल ही जारी गिरफ्तारी वारंट की पालना में पुलिस के अहमदाबाद पहुंचने और तोगडिय़ा के लापता होने के बाद यह मामला सुर्खियों में आया।
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