खान विभाग तक पहुंचा करोड़ों की जमीन पर अतिक्रमण का मामला पुरानी परिवहन नीति में स्टेज कैरिज रूट के मुकाबले उपनगरीय मार्गों पर चलने वाली निजी बसों के लिए रूट टैक्स बेहद कम था। जिसके चलते निजी बस मालिक उपनगरीय मार्गों का रूट परमिट लेकर स्टेज कैरेज रूट जमकर बरात आदि व्यवसायिक सवारियां ढ़ोते थे, लेकिन प्रदेश सरकार ने नई परिवहन नीति जारी कर 10 जुलाई से दोनों रूट का टैक्स स्लैब तकरीबन समान कर परमिट के इस खेल पर रोक लगा दी थी।
उठाना पड़ा नुकसान टैक्स स्लैब समान होने से परमिट के खेल पर तो रोक लग गई, लेकिन ग्रामीण और उपनगरीय मार्गों पर नियमानुसार सवारियां ढ़ो रहे निजी बस मालिकों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा था। जिसके चलते वह सरकार से लगातार अस्थाई परमिटों की संख्या और दिन बढ़ाने की मांग कर रहे थे। राज्य परिवहन प्राधिकार कार्यालय ने इस मांग को गंभीरता से लेते हुए शुक्रवार को इस बाबत आदेश जारी कर दिए। आदेशों के मुताबिक ग्रामीण रूट पर एक निजी बस को अब महीने में 10 दिन के लिए पांच अस्थाई परमिट मिल सकेंगे। ऐसे ही उपनरीय मार्ग पर भी 20 दिनों के लिए 10 परमिट मिल सकेंगे। पहले उपनगरीय मार्ग पर 6 दिनों के लिए तीन अस्थाई परमिट और ग्रामीण मार्ग पर चार दिनों के लिए दो ही अस्थाई परमिट जारी किए जा सकते थे।
लोक परिवहन सेवा की लगी लॉटरी अस्थाई परमिट की संख्या और दिनों में बढ़ोत्तरी करने के लिए राज्य परिवहन प्राधिकार कार्यालय की ओर से जारी आदेश में सबसे ज्यादा फायदा लोक परिवहन सेवा में लगी निजी बसों को हुआ है। सरकार ने अब उन्हें भी महीने में पांच दिनों के लिए दो अस्थाई परमिट दिए जाने का प्रावधान कर दिया है, जोकि पहले नहीं था। निजी बस मालिकों नवल चोरडिय़ा आदि ने इस फैसले के लिए परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और परिवहन आयुक्त राजेश यादव का आभार जताया है।
दिल्ली में वकीलों पर फायरिंग के विरोध में
वकीलों नेकिया विरोध प्रदर्शन
राज्य परिवहन प्राधिकार ने लोक परिवहन सेवा में लगी निजी बसों को अस्थाई परमिट देने का आदेश जारी कर दिया है। इसके साथ ही ग्रामीण और उपनगरीय मार्गों पर भी अस्थाई परमिटों की संख्या और दिन बढ़ा दिए गए हैं। इससे टैक्स स्लैब बढऩे से परेशान निजी बस मालिकों को खासी राहत मिलेगी।
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राज्य परिवहन प्राधिकार ने लोक परिवहन सेवा में लगी निजी बसों को अस्थाई परमिट देने का आदेश जारी कर दिया है। इसके साथ ही ग्रामीण और उपनगरीय मार्गों पर भी अस्थाई परमिटों की संख्या और दिन बढ़ा दिए गए हैं। इससे टैक्स स्लैब बढऩे से परेशान निजी बस मालिकों को खासी राहत मिलेगी।
कुसुम राठौड़, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, कोट