आरटीयू के परीक्षा नियंत्रक प्रो. एके द्विवेदी ने बताया कि डिग्री बनाने के लिए फाइबर बेस्ड नॉनटियरेबल पेपर का इस्तेमाल किया गया है। यह न तो फाड़ा जा सकेगा और ना ही तेजाब से जलेगा। बड़ी बात यह भी कि इस डिग्री को लेमिनेट करने की भी जरूरत नहीं है। गलती से भी इसे लेमिनेट करवाया तो यह प्लास्टिक की छोटी सी गेंद में तब्दील हो जाएगा। डिग्री से पीछे साफ शब्दों में लिखवाया गया है कि ‘इसे लेमिनेट न करवाएं।Ó
प्रो. द्विवेदी ने बताया कि डिग्री की छपाई नोटों की तरह ही उभरी हुई है। इसमें 10 वॉटर मार्क डाले गए हैं। इनमें बच्चे के साथ ही विवि का नाम भी दर्ज है। इन वॉटरमार्क की डुप्लीकेट कॉपी ‘असंभवÓ है। सबसे खास फीचर नियोन इंक का लेयर फ्रेम है, जो अंधेरे में रेडियम की तरह चमकेगा, लेकिन स्कैन या फोटो स्टेट करने पर इसका प्रिंट नहीं आएगा। पूरी डिग्री में दस हजार बार से ज्यादा विवि का नाम दर्ज है।