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कोटा के इंजीनियरिंग छात्रों ने तैयार किया इको फ्रेंडली सीमेंट

locationकोटाPublished: May 10, 2018 08:31:19 pm

Submitted by:

shailendra tiwari

सीमेंट के बिना भी निर्माण संभव, आरटीयू के बीटेक सिविल ब्रांच के विद्यार्थियों ने तैयार की नई तकनीक

cement
कोटा . राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के बीटेक सिविल ब्रांच के छात्र-छात्राओं ने अपने प्रोजेक्ट के दौरान एक एेसी तकनीक विकसित की है, जिसमें भवन निर्माण के लिए कंक्रीट, बिना इस्तेमाल किए हुए बनाई गई। सामान्य निर्माण कार्य के लिए सीमेंट, रेत, मिट्टी, एक, डेढ़ व तीन के अनुपात में मिलाकर कंक्रीट बनाई जाती है। आरटीयू में सीमेंट के स्थान पर थर्मल की राख व लोहे की भट्टियों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ स्लेग पाउडर के मिश्रण को काम में लिया गया।
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भट्टियों में पकाने की जरूरत नहीं

देश-विदेश में जिओपॉलिमर पर हुए अनुसंधान में अधिकतर उपरोक्त मिश्रण को एक दिन गर्म भट्टी में पकाना पड़ता है। जबकि आरटीयू में एेसा मिश्रण तैयार किया गया। जिस भट्टी में पकाने की जरूरत ही नहीं पड़ती। छात्रों के प्रयोग सफल रहे। कंक्रीट के सैम्पल दिन में धूप में रखने से ही उनमें समय बीतने के साथ सामथ्र्य में वृद्धि होती पाई गई।
प्रदूषित नहीं होता वातावरण

जहां सीमेंट को बनाने पर वातावरण प्रदूषित होता है। यह महंगा भी साबित होता है। जिओपॉलिमर कंक्रीट सस्ते होने के साथ यह वातावरण को नुकसान भी नहीं पहुंचाता है। इस तरह के कंक्रीट में पानी से तराई की आवश्यकता भी नहीं होती है। यह क्रंक्रीट आने वाले समय में सिविल इंजीनियरिंग को एक नई दिशा दे सकता है। जिओपॉलिमर क्रंकीट रेत के स्थान पर क्रशर डस्ट से भी बनाकर देखी गई। इस संबंध में भी प्रारंभिक प्रयोग सफल रहे है।
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यह प्रोजेक्ट प्रोफेसर प्रवीण कुमार अग्रवाल के मार्गदर्शन में विद्यार्थी गोविंद वैष्णव, मुकुन्द मोहन, गोविंद शर्मा, अमिता महावर, बुलबुल गौतम, चंचल कुमारी दिलीप पटेल, कृष्ण मुरारी, हर्ष, आयुष, आशिल, निष्ट ने सफलता पूर्ण किया।
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