Breaking News: मुकुंदरा में अब ट्रेन से कटा पैंथर, पहले टाइगर की हो चुकी है मौत
भट्टियों में पकाने की जरूरत नहीं देश-विदेश में जिओपॉलिमर पर हुए अनुसंधान में अधिकतर उपरोक्त मिश्रण को एक दिन गर्म भट्टी में पकाना पड़ता है। जबकि आरटीयू में एेसा मिश्रण तैयार किया गया। जिस भट्टी में पकाने की जरूरत ही नहीं पड़ती। छात्रों के प्रयोग सफल रहे। कंक्रीट के सैम्पल दिन में धूप में रखने से ही उनमें समय बीतने के साथ सामथ्र्य में वृद्धि होती पाई गई।
भट्टियों में पकाने की जरूरत नहीं देश-विदेश में जिओपॉलिमर पर हुए अनुसंधान में अधिकतर उपरोक्त मिश्रण को एक दिन गर्म भट्टी में पकाना पड़ता है। जबकि आरटीयू में एेसा मिश्रण तैयार किया गया। जिस भट्टी में पकाने की जरूरत ही नहीं पड़ती। छात्रों के प्रयोग सफल रहे। कंक्रीट के सैम्पल दिन में धूप में रखने से ही उनमें समय बीतने के साथ सामथ्र्य में वृद्धि होती पाई गई।
प्रदूषित नहीं होता वातावरण जहां सीमेंट को बनाने पर वातावरण प्रदूषित होता है। यह महंगा भी साबित होता है। जिओपॉलिमर कंक्रीट सस्ते होने के साथ यह वातावरण को नुकसान भी नहीं पहुंचाता है। इस तरह के कंक्रीट में पानी से तराई की आवश्यकता भी नहीं होती है। यह क्रंक्रीट आने वाले समय में सिविल इंजीनियरिंग को एक नई दिशा दे सकता है। जिओपॉलिमर क्रंकीट रेत के स्थान पर क्रशर डस्ट से भी बनाकर देखी गई। इस संबंध में भी प्रारंभिक प्रयोग सफल रहे है।
OMG! दुल्हनों को शादी का ‘गिफ्ट’ देना भूल गई सरकार यह प्रोजेक्ट प्रोफेसर प्रवीण कुमार अग्रवाल के मार्गदर्शन में विद्यार्थी गोविंद वैष्णव, मुकुन्द मोहन, गोविंद शर्मा, अमिता महावर, बुलबुल गौतम, चंचल कुमारी दिलीप पटेल, कृष्ण मुरारी, हर्ष, आयुष, आशिल, निष्ट ने सफलता पूर्ण किया।