कोटा विवि पहुंचकर छात्रों ने कार्यवाहक कुलपति प्रो. नीलिमा सिंह को ज्ञापन सौंपा। संगठन के संयोजक देवव्रतसिंह हाड़ा ने कहा कि कुछ शिक्षकों के स्वार्थ साधने के लिए विवि प्रशासन और तकनीकी शिक्षा विभाग के अफसरों ने तकनीकी शिक्षा मंत्री तक को गुमराह कर दिया। तकनीकी शिक्षा से जुड़े छात्रों के विकास और कल्याण की योजनाएं चलाने के लिए कोटा में पर्याप्त संसाधन और मौके मौजूद हैं, जिन लोगों को लगता है कि यह काम जयपुर से ही संभव हो सकेगा, उन्हें विवि से निकालकर बाहर कर देना चाहिए। सह संयोजक अभय राजावत ने कहा कि सरकार कोटा के शैक्षणिक संस्थानों को मजबूत बनाए, न कि उन्हें मजबूर कर कोटा से छीनने की साजिश रचे। कुलपति ने छात्रों की पूरी बात सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। इसके बाद छात्रों ने प्रदर्शन खत्म किया।
सहसंयोजक नागेंद्रसिंह राणावत ने सरकार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का कोटा से किया वादा याद दिलाते हुए कहा कि उन्होंने सरकार बनते ही एयरपोर्ट चालू करने और विवि एवं अन्य शिक्षण संस्थानों में संसाधनों, शिक्षकों और बजट की कमी को तत्काल दूर करने का वादा किया था। सरकार इसे पूरा करे, न कि संसाधन छीनने की कोशिश। इस दौरान शुभम कालरा, उज्ज्वल दीक्षित, अजय गालव, प्रभात शर्मा, राहुल कंवर, अजय राजावत, अक्षत मिश्रा, विनयराज, नवीन सिंह, धीरज नागर, अंशुराज सिंह, युवराज सिंह, प्रद्युमन, पवन, ईशु, विक्रम, नरेश, कुशाग्र, मनीष, मोहित, रवि गुर्जर और बुद्धि प्रकाश मीणा मौजूद रहे।
जयपुर स्थिति तकनीकी शिक्षा भवन में आरटीयू का नोडल सेंटर स्थापित करने के नाम पर सरकार ने विवि परिसर में स्थापित ईडीसी और विवि छात्रों का कौशल विकास करने के लिए मिले एक करोड़ के बजट को कोटा से छीनकर जयपुर भेजने के निर्देश जारी किए थे। इतना ही नहीं नोडल सेंटर की व्यवस्थाएं संचालित करने के लिए ईडीसी कॉर्डिनेटर प्रो. राजेश सिंघल को नोडल अधिकारी बनाकर उनके साथ १० और कर्मचारियों एवं शिक्षकों का स्टाफ जयपुर में तैनात करने के आदेश दिए थे। संसाधन एवं कर्मचारियों पर आना वाला सारा खर्च भी आरटीयू को ही वहन करना था। विवि के संसाधन और बजट को कोटा से छीनकर जयपुर ले जाने की कोशिशों का खुलासा होते ही विवि के शिक्षक, कर्मचारी और छात्र विरोध में खड़े हो गए।