कोटा की जनता ने तहेदिल से किया अयोध्या फैसले का इस्तकबाल, बोले- हिन्दू-मुस्लिम एकता को मिला बल
परिजनों का कहना है कि ड्यूटी डॉक्टर व नर्स से प्रसूता पर ध्यान नहीं दिया। खून ज्यादा बहने के बावजूद डॉक्टर ने इलाज नहीं किया। प्रसूता को सर्दी लग रही थी। स्टाफ से कहने के बाद भी कम्बल उपलब्ध नहीं करवाया। उल्टा ये कहा कि अभी घर से मंगवाते है। इसी दौरान महिला को प्रसव हुआ, लेकिन थोड़ी देर बाद नवजात की मौत हो गई। इसके बाद आक्रोशित परिजन ने नवजात का शव गेट पर रख दिया। वे शव उठाने को राजी नहीं हुए। मौके पर पहुंची नयापुरा थाना पुलिस ने परिजनों से समझाइश कर मामला शांत करवाया।हमने पूरे प्रयास किए
महिला 16 सितम्बर को चैकअप कराने आई थी। महिला का बीपी बढ़ा हुआ था। महिला के आवल के पीछे खून का धक्का जम गया था। बच्चा भी कमजोर था। महिला के गर्भ में ही नवजात की मौत हो गई थी। लापरवाही जैसी कोई बात नहीं है। हमने हमारी तरफ से नवजात को बचाने का पूरा प्रयास किया।
डॉ. भारती सक्सेना, स्त्री एवं प्रसूति विशेषज्ञ, जेके लोन अस्पताल