read also : महिला को टक्कर मार बाइक सवार हुआ फरार ऐसा ही एक मामला करवरी ग्राम पंचायत क्षेत्र के मोयदा गांव में है। यहां एक गरीब सहरिया परिवार मकान के अभाव में सहरिया बंगले में रहने को मजबूर है। परिवार का मुखिया मुकट सहरिया हाली का काम कर परिवार का गुजर बसर करता है। मुकट की पत्नी मानसिक रोगी है। परिवार में उसके तीन पुत्रियां व एक पुत्र है। आर्थिक रूप से कमजोर होने व आवास योजना में आवास नहीं मिलने से परिवार सहरिया बंगले में दिन बिता रहा है। मुकुट पत्नी का इलाज कराने के साथ साथ बच्चों का पालन पोषण मजदूरी से करता है।
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पहले मुकुट बंगले के पास ही अपनी खाली पडी जगह मे टापरी बनाकर परिवार के साथ रहता था। टापरी में रहने के दौरान हालत देखकर उसके भाई ने उसे अपने टिन वाले मकान में सहारा दिया। बरसात से पूर्व अंधड के चलते मकान के टिन टप्पर उड़ जाने से मुकट के परिवार के सर से मकान की छत खुला आसमान बन गया। इसके बाद बरसात को देखकर ग्रामीणों ने उसे सहरिया बंगले में रहने दिया। तब से ही मुकट का परिवार सहरिया बंगले में दिन बिता रहा है। सरकार की ओर से गरीब कल्याण के लिए कई योजनाएं चलाने का दावा किया जाता है। योजनाएं बन भी रही हैं, लेकिन वह धरातल तक नहीं पहुंच पाती। मोयदा गांव में करीब नब्बे से अधिक सहरिया परिवार आवास योजना से अछूते हंै। ये सभी झोपड़ों में रहकर जीवन बसर कर रहे हैं। इन परिवारों को अब तक आवास योजना से लाभान्वित नही किया जा सका है। आवास योजना के क्षेत्र में हाल बदहाल है। गरीब को छत तक नसीब नही हो रही है। आर्थिक रूप से सक्षम परिवार भी पक्के भवन होने के बाद भी आवासो का लाभ ले रहे हैं। साफ कहें तो गरीबों के हक पर डाका डाला जा रहा है। गरीब के हिस्से का आवास अमीर की झोली मे है। ग्राम पंचायत स्तर पर हुए गड़बड़झालों का कुछ समय से खुलासा होना शुरू हुआ है। भंवरगढ ग्राम पंचायत, टोडिया समेत कई जगह से आवास योजना को लेकर शिकायतें मिल रही है। जिन पर कार्रवाई भी हुई है।
पहले मुकुट बंगले के पास ही अपनी खाली पडी जगह मे टापरी बनाकर परिवार के साथ रहता था। टापरी में रहने के दौरान हालत देखकर उसके भाई ने उसे अपने टिन वाले मकान में सहारा दिया। बरसात से पूर्व अंधड के चलते मकान के टिन टप्पर उड़ जाने से मुकट के परिवार के सर से मकान की छत खुला आसमान बन गया। इसके बाद बरसात को देखकर ग्रामीणों ने उसे सहरिया बंगले में रहने दिया। तब से ही मुकट का परिवार सहरिया बंगले में दिन बिता रहा है। सरकार की ओर से गरीब कल्याण के लिए कई योजनाएं चलाने का दावा किया जाता है। योजनाएं बन भी रही हैं, लेकिन वह धरातल तक नहीं पहुंच पाती। मोयदा गांव में करीब नब्बे से अधिक सहरिया परिवार आवास योजना से अछूते हंै। ये सभी झोपड़ों में रहकर जीवन बसर कर रहे हैं। इन परिवारों को अब तक आवास योजना से लाभान्वित नही किया जा सका है। आवास योजना के क्षेत्र में हाल बदहाल है। गरीब को छत तक नसीब नही हो रही है। आर्थिक रूप से सक्षम परिवार भी पक्के भवन होने के बाद भी आवासो का लाभ ले रहे हैं। साफ कहें तो गरीबों के हक पर डाका डाला जा रहा है। गरीब के हिस्से का आवास अमीर की झोली मे है। ग्राम पंचायत स्तर पर हुए गड़बड़झालों का कुछ समय से खुलासा होना शुरू हुआ है। भंवरगढ ग्राम पंचायत, टोडिया समेत कई जगह से आवास योजना को लेकर शिकायतें मिल रही है। जिन पर कार्रवाई भी हुई है।
read also : धरोहर की नहीं संभाल, मिट रहा अस्तित्व परिवार के बारे मे जानकारी लेंगे। उनके लिए कहीं आवेदन की आवश्यकता है तो करवाएंगे। सहरिया परियोजना में भिजवाएंगे।
गौरव मित्तल, एसडीएम, किशनगंज
गौरव मित्तल, एसडीएम, किशनगंज
वरीयता सूची में नाम है या नहीं, यह देखना पड़ेगा। यदि नाम नही जुड़ रहा होगा तो सर्वे करवाकर नाम जुड़वाएंगे। आवास योजना जिनके मकान नही हैं, उनके लिए है। डॉ. प्रहलादराम जाट, विकास अधिकारी पंचायत समिति किशनगंज
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राहुल मल्होत्रा, एडीएम, शाहबाद
राहुल मल्होत्रा, एडीएम, शाहबाद