बच्चों ने संगठित, समन्वित, एकाकार होकर विविधता में एकता का दर्शन कराते हुए समवर्तिका 7.0 कार्यक्रम में वीर शिवाजी महाराज के व्यक्तित्व व जीवन मूल्य पर आधारित नाटक का मंचन किया तो ऑडिटोरियम में राष्ट्रभक्ति, जय शिवाजी, जय भवानी के उद्घोष का प्रेरणादाई स्रोत करतल ध्वनि के रूप में बहता हुआ दिखाई दिया। हर प्रतिभागी में शिवाजी महाराज के स्वराज को स्थापना, सैन्य नेतृत्व, राष्ट्रीय व संस्कृति की रक्षा, सहिष्णुता, चरित्र निर्माण, नारी सम्मान का विजन प्रतिबिंबित हो रहा था। रंगमंच पर अभिनय करते हुए बच्चों का संवाद कौशल, अभिनय, नाटियकरण, हाव भाव देखकर लग रहा था
बच्चों ने संगठित, समन्वित, एकाकार होकर विविधता में एकता का दर्शन कराते हुए समवर्तिका 7.0 कार्यक्रम में वीर शिवाजी महाराज के व्यक्तित्व व जीवन मूल्य पर आधारित नाटक का मंचन किया तो ऑडिटोरियम में राष्ट्रभक्ति, जय शिवाजी, जय भवानी के उद्घोष का प्रेरणादाई स्रोत करतल ध्वनि के रूप में बहता हुआ दिखाई दिया। हर प्रतिभागी में शिवाजी महाराज के स्वराज को स्थापना, सैन्य नेतृत्व, राष्ट्रीय व संस्कृति की रक्षा, सहिष्णुता, चरित्र निर्माण, नारी सम्मान का विजन प्रतिबिंबित हो रहा था। रंगमंच पर अभिनय करते हुए बच्चों का संवाद कौशल, अभिनय, नाटियकरण, हाव भाव देखकर लग रहा था