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फर्म ने सांसों पर संकट देख बढ़ा दिए दाम, आपूर्ति में कर दी देरी

locationकोटाPublished: Jun 12, 2021 11:27:52 am

Submitted by:

Jaggo Singh Dhaker

कोरोना संक्रमण में जीवन रक्षक उपकरणों की आपूर्ति में मोटी कमाई करने वालों ने कोई कसर नहीं छोड़ी। आपदा देख कंसंट्रेटर की दरें बढ़ा दी गई और समय पर आपूर्ति नहीं होने से रोगियों को पूरा लाभ भी नहीं मिल पाया।

Oxygen Concentrator

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जग्गोसिंह धाकड़
कोटा. कोरोना संक्रमण की दूसरी घातक लहर में ऑक्सीजन का संकट गहराया तो विधायक कोष और भामाशाहों से कंसंट्रेटर और अन्य उपकरण क्रय करने के लिए तत्काल राशि मिल गई। कई संस्थाएं उपकरण डोनेट करने आगे आईं। इस बीच आपदा को मोटी कमाई का अवसर बनाने वालों ने दरें बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कोटा में कंसंट्रेटर की आपूर्ति करने वाली फर्म ने 57 हजार 500 के कंसंट्रेटर की कीमत बढ़ाकर 75 हजार रुपए कर दी। इसमें 12 प्रतिशत जीएसटी अलग से देय है।
कोटा मेडिकल कॉलेज ने 17 अप्रेल 2021 को 200 कंसंट्रेटर क्रय करने का कार्यादेश दिया। इसमें प्रति कंसंट्रेटर की दर 57 हजार 500 रखी गई। इसके अलावा 12 प्रतिशत जीएसटी अलग से देय था। इसके बाद उसी फर्म को 29 अप्रेल को दो कार्यादेश दिए। इनमें एक कार्यादेश में 347 और दूसरा 6 कंसंट्रेटर क्रय करने के लिए दिया गया। इसमें प्रति कंसंट्रेटर की दर 75 हजार रुपए और 12 प्रतिशत जीएसटी रखी गई। सरकार के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा तो लोगों की जान बचाने के लिए यह दर स्वीकृत करनी पड़ी। ये दर सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज जयपुर ने स्वीकृत की थी। इतना ही नहीं आपूर्ति करने वाली फर्म तय समय पर सभी कंसंट्रेटर की आपूर्ति नहीं कर पाई। नियमों के अनुसार आपूर्ति में देरी पर फर्म से पेनल्टी वसूलने का प्रावधान है, लेकिन कोटा मेडिकल कॉलेज ने इस दिशा में कोई कदम आगे नहीं बढ़ाया है। विभिन्न संस्था और लोगों ने अब तक कोटा मेडिकल कॉलेज को 979 कंसंट्रेटर उलब्ध कराए हैं। मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों के अनुसार आपूर्तिकर्ता फर्म ने कच्चे माल की दर बढऩे, श्रमिक दर महंगी होने और बाहर से आपूर्ति महंगी दर पर होने का हवाला देकर दर बढ़ाई। मनमानी दर के बाद भी कंसंट्रेटर की आपूर्ति समय पर नहीं हुई, इससे रोगियों को पूरा लाभ नहीं मिल पाया। ऑक्सीजन के अभाव में रोगियों की मौत हो गई। मेडिकल कॉलेज पनेल्टी तक नहीं वसूल पाया। इस बारे में मेडिकल कॉलेज के नियंत्रण एवं प्राचार्य प्रो. विजय सरदाना ने कहा, पहला कार्यादेश 17 अप्रेल को दिया गया। उस समय कंसंट्रेटर की मांग कम थी, तब 57500 प्रति कंसंट्रेटर दर तय हुई। इसके बाद दोबारा कार्यादेश दिए, उससे पहले ही एसएमएस मेडिकल कॉलेज, जयपुर ने उसी कंसंट्रेटर की दर 75 हजार रुपए स्वीकृत कर दी। इसके बाद फर्म पुरानी दर पर तैयार नहीं हुई। समय पर उपकरणों की आपूर्ति नहीं करने पर पेनल्टी लगाने का प्रावधान है। इस पर विचार किया जा रहा है।
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