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जयपुर के रि‍श्‍वतखोर सीनियर ऑडिट ऑफिसर को जेल

locationकोटाPublished: Jun 02, 2018 06:18:19 pm

Submitted by:

shailendra tiwari

सहायक अभियंता व कनिष्ठ अभियंता की शिकायत पर हुई थी कार्रवाई- ऑडिट पैरा नहीं लगाने की एवज में मांगे डेढ़ हजार, अब अदालत ने जेल भेजा

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कोटा में रिश्वत लेते धरा जयपुर का सीनियर ऑडिट ऑफिसर

कोटा . राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम के अभियंताओं से तीन हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार हुए ऑडिट जनरल ऑफिस जयपुर के सीनियर ऑडिट ऑफिसर आरएल भास्कर को अदालत ने शुक्रवार को जेल भेज दिया। उनके साथ आए अन्य दोनों अधिकारियों की भूमिका की एसीबी जांच कर रही है। एसीबी एएसपी ठाकुर चंद्रशील ने बताया कि कागजी कार्यवाही पूरी होने पर आरोपित भास्कर को भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय के न्यायाधीश के आवास पर पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया।
कमरे में मिला था 12 हजार का लिफाफा
एसीबी के निरीक्षक अजीत बागडोलिया ने बताया कि भास्कर के साथ आए दोनों अधिकारियों सीनियर अकाउंट ऑफिसर बलवीर सिंह व एएओ अभय चौधरी की भूमिका की भी जांच की जा रही है। वे दोनों गुरुवार को जिस कमरे में जांच कर रहे थे, वहां तलाशी में एसीबी की टीम को मेज के नीचे से 12 हजार रुपए का लिफाफा मिला है। इस पर हाथ से एईएन प्रथम व एईएन द्वितीय टी एण्ड सी लिखा हुआ है। एसीबी टीम ने उस लिफाफे को जब्त कर लिया है।
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गौरतलब है कि‍, विद्युत प्रसारण निगम की सहायक अभियंता बिंदिया वर्मा और कनिष्ठ अभियंता अंकुर जैन ने गुरुवार को एसीबी कोटा कार्यालय में शिकायत की कि जयपुर से आई ऑडिट टीम उनसे ऑडिट पैरा नहीं लगाने की एवज में 2000 रुपए प्रति अभियंता रिश्वत की मांग कर रही है। एसीबी ने शिकायत का सत्यापन करवाया, इसमें 1500 रुपए में सौदा तय हुआ है।
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एेसे की कार्रवाई

एसीबी टीम टे्रप के लिए सकतपुरा स्थित अधीक्षण अभियंता कार्यालय पहुंची। जहां जयपुर से आए सीनियर ऑडिट ऑफिसर आरएल भास्कर ने एईएन बिंदिया वर्मा व जेईएन अंकुर जैन से 3000 हजार रुपए लिए। परिवादी का इशारा मिलते ही एसीबी टीम आरोपित को रंगे हाथों पकड़ लिया। एसीबी ने ऑडिट टीम के दो अन्य सदस्य सीनियर अकाउंट ऑफि सर बलवीर सिंह और एएओ अभय चौधरी को भी संदिग्ध माना है। जांच में सामने आया कि ऑडिट टीम पिछले 8 दिनों से कोटा में 40 से ज्यादा अभियंताओं और जीएसएस की जांच कर रही है।

40 जीएसएस के कर्मचारियों से मांगे पैसे
परिवादी अभियंताओं ने एसीबी को बताया कि शहर में करीब ४० जीएसएस है, जिनमें करीब 500 कर्मचारी कार्यरत हैं। जिनकी ऑडिट इनके द्वारा की जा रही थी। इनके द्वारा प्रत्येक कर्मचारी को बुलाकर कुछ ना कुछ गलती बताकर उनसे रुपए लिए जा रहे थे। हमारी ऑडिट फाइल में कोई गलती नहीं थी, फिर भी गलती बताकर रुपए मांगे जा रहे थे। जब रुपए देने से मना किया तो उन्होंने ऑडिट में झूठा पैरा बनाने की धमकी दी।
जयपुर निवास पर मारे छापे

एसीबी के एएसपी चन्द्रशील ठाकुर ने बताया कि ऑडिट के दौरान आरोपित थर्मल इलेक्ट्रो हॉस्टल के जिस कमरे में रुका हुआ था, उसे भी सीज किया गया है। साथ ही उनकी सूचना पर जयपुर एसीबी ने आरोपित के जयपुर निवास पर कार्रवाई की।

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