कोटा

बनेंगे त्रिग्रही योग ! इस दिन मनाई जाएगी शनि अमावस्या…

ग्रहों की सत्ता व इस विक्रम संवत के राजा शनि के राज में इस बार वैशाख मास की Saturn Amavasya…

कोटाApr 30, 2019 / 06:18 pm

Suraksha Rajora

बनेंगे त्रिग्रही योग ! इस दिन मनाई जाएगी शनि अमावस्या…

कोटा. ग्रहों की सत्ता व इस विक्रम संवत के राजा शनि के राज में इस बार वैशाख मास की शनि अमावस्या 4 मई को मनाई जाएगी। इस दिन त्रिग्रही योग बनेगा। यह योग सूर्य, चंद्रमा और बुध ग्रह के एकसाथ मेष राशि में होने से बनेगा। यह योग अभीष्ट फल देने वाला रहेगा। इससे साढ़ेसाती व ढैया से जातकों को मुक्ति मिल सकेगी।
 

ज्योतिषाचार्य अमित जैन ने बताया कि संवत का राजा शनि होने से शनिश्चरी अमावस्या को साढ़ेसाती व ढैया वाले जातकों को विशेष रूप से दान, पुण्य व तीर्थ स्नान करना चाहिए। उनके लिए दान धर्म विशेष फलदायी होंगे। इनके साथ ही जिनकी कुंडली में शनिदेव नेष्ट भाव में हो उन्हें शनि से संबंधित वस्तुओं का दान करना चाहिए।
 

शनि अमावस्या पर राशि के अनुसार करने वाले उपाय

मेष : स्नान के बाद सवा किलो बाजरा मिट्टी के बर्तन में भरकर उसके ऊपर सरसों के तेल का चौमुखा दीपक जलाएं। इसके बाद शनि के तंत्रोक्त मंत्र ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनयै नम: मंत्र की पांच माला जाप करें। किसी जरूरत मंद को यह बाजरा दान कर दें।
वृषभ:बड़ (बरगद) या पीपल के नीचे सूर्योदय से पहले सरसों के तेल का दीपक जलाएं। जल में कच्चा दूध मिलाकर पीपल की जड़ों को सीचें। फिर वहां की मिट्टी से तिलक करें।

मिथुन:सवा किलो साबूत मूंग हरे कपड़े में बांधकर बर्तन के ऊपर सरसों के तेल का दीपक जलाएं। शनि मंत्रों का जाप करें। किसी गणेश या शनि मंदिर में उपरोक्त सामग्री दान करें। शनि अमावस्या पर अपने वजन के बराबर अन्न दान करने से कई तरह की मुसीबतों का हल मिल जाता है।
कर्क : मिट्टी के बर्तन सवा किलो चावल भरकर सरसों के तेल में चार मुखी दीपक लगाकर करें, उसे दान करें। इस दौरान शनि के जाप जरूर करते रहें।

सिंह :शनि मंदिर के बाहर बैठे कुष्ठ रोगियों या गरीबों को रुपए दान करें। शनि मंत्रों के जाप के साथ सवा किलो गेहूं और वस्त्र भी दान करके लाभ मिलता है। शनि अमावस्या पर ही गौशाला में सरसों की खली का दान दें।
कन्या:शनि से संबंधित दान जरूर करें। इसमें काले चने, काली उड़द, काले कपड़े या कंबल का दान शामिल है। शनि देव के निमित्त किन्नर को दक्षिणा सहित दान करें और चरण स्पर्श करें। शनि अमावस्या केला मीठी खील, गुड़ व देसी चने गरीब मजदूर लोगों को बांटे।
तुला : जातक सवा किलो जौ का दान कर सकते हैं। श्रीशनिदेव का ध्यान करते हुए पंचोपचार पूजन करें। तत्पश्चात शुद्घ आसन पर बैठकर ऊँ शं शनैश्चराय नम: मंत्र की 7 माला जाप करें। शनि अमावस्या पर ही श्रद्धानुसार या वजन के बराबर गेहूं मंदिर में दान दें।
वृश्चिक::अमावस्या पर सवा किलो साबूत मसूर या काले तिल जरूर दान करें। दान करने से पहले किसी भी शनि मंत्र की 5 माला जाप करें। जाप के बाद साबूत मसूर, पात्र और वस्त्र सहित किसी सफाई कर्मचारी को दक्षिणा सहित दान करें और चरण स्पर्श करें।
धनु :इस दिन सूर्योदय से पहले उठें और स्नान के बाद सवा 5 किलो चने की दाल सवा पांच मीटर स्वच्छ पीले कपड़े में बांधकर अपने पूजा स्थान में रखें। शनिदेव का ध्यान करते हुए पूजन करें। सरसों के तेल का चौमुखा दीपक जलाएं। आसन पर बैठकर 5 माला जाप करें।
मकर : शनि के निमित्त एक समय का उपवास करें। शनि व्रत की कथा पढ़ें। नीले या काले कपड़ों का गरीबों या सफाई कर्मचारी को दान करें। गरीबों को दही बड़े या उड़द के लड्डू आदि का दान करें।
कुंभ : सफाईकर्मियों को श्रद्धानुसार दान करें। शनि मंदिर में सवा किलो सरसों का तेल भी दान किया जा सकता है। शनि अमावस्या पर ही सात सूखे नारियल और 700 ग्राम बादाम श्रद्धानुसार किसी मंदिर में दान करें।
मीन :शनि अमावस्या श्रीशनिदेव का ध्यान करते हुए पूजन करें। सरसों के तेल का चौमुखा दीपक जलाएं। मंत्र के जाप के बाद किसी मंदिर में श्रद्धानुसार दान दक्षिणा सहित दें। उसके बाद शनि अमावस्या पर श्रद्घानुसार या वजन के बराबर किसी भी तरह का धान गरीबों में बांट सकते हैं।
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