धारीवाल ने कहा है कि सांसद ओम बिरला ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूलय पर खरीद की मंशा नहीं रखती है। इसलिए भामाशाह कार्ड को पंजीयन के लिए अनिवार्य कर दिया है और किसानों को खरीद से वंचित कर दिया है। जबकि हकीकत यह है कि वसुंधरा राजे के मुख्यमंत्रीत्व काल में ही भामाशाह कार्ड को खरीद की पंजीयन के लिए अनिवार्य बनाया गया था। जिसकी आवश्यकता नहीं थी। कांग्रेस सरकार भामाशाह कार्ड की अनिवार्यता समाप्त करने पर विचार कर रही है। धारीवाल ने कहा कि सांसद को चाहिए कि वे केन्द्र सरकार से एक किसान से एक दिन में 50 क्विंटल तक खरीद की सीमा बढाने का आदेश जारी करवाए। राज्य सरकार उसी के अनुसार कार्य करने को तैयार है।
कर्ज माफी पर बवाल
इधर कोटा दौरे पर आए भाजपा के संभाग प्रभारी नारायण पंचारीया ने कहा, कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले किसानों का संपूर्ण कर्ज दस दिनों में माफ करने का वादा किया, लेकिन अब कांग्रेस सरकार सुर बदलने लगी है। प्रदेश में किसानों का संपूर्ण कर्ज एक लाख करोड़ का कर्जा माफ होना चाहिए, लेकिन सरकार केवल 1800 करोड़ का कर्जा माफ करने की बात कर रही है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना के लिए राज्य के मुख्यमंत्री ने किसानों की सूची समय नहीं भेजी। के बार-बार आग्रह पर सूची भेजी तो वह भी आधी अधूरी। राज्य सरकार के केवल 1 लाख 27 हजार किसानों की सूची भेजी, जबकि 52 लाख किसान इसके पात्र हैं।