विधायक संदीप शर्मा ने कलश का पूजन किया। लाल चुनरी में सजधजकर शामिल हुई हजारों महिलाओं के सिर पर कलश थे तो हजारों की संख्या में महिलाएं साथ चल रही थी। श्रीनाथपुरम स्टेडियम से दोपहर 3 बजे कलश यात्रा रवाना हुई, जो पांच किमी का रास्ता तय कर तीन बत्ती सर्किल, छोटा चौराहा, दादाबाड़ी बड़ा चौराहा से होते हुए कथा स्थल दशहरा मैदान स्थित विजय श्री रंगमंच पर पहुंची। शोभायात्रा में तीन बैंडवादक दल व पांच डीजे मधुर स्वर लहरियां बिखेर रहे थे। मेरे प्रभु जानते हैं बात घट घट की..., भर दे मायरो...सांवरिया थारो कांई लागे..., दीवाना राधे का...., .द्यद्य जैसे भजन गूंज रहे थे और श्रद्धालु मंत्रमुग्ध होकर नृत्य करते चल रहे थे। धर्मध्वजा थामे 10 घुड़सवार चल रहे थे। नंदी के साथ शंकर-पार्वती, राधा-कृष्ण समेत अन्य झांकियां चल रही थी। करीब 150 से भी अधिक तोरण द्वार लगाए गए, जहां पुष्प वर्षा कर श्रद्धालुओं का स्वागत किया। कई जगहों पर शीतल जल, छाछ व प्रसाद वितरित किया गया। विधायक संदीप शर्मा ने बताया कि दशहरा मैदान स्थित विजयश्री रंगमंच पर प्रतिदिन 2 से 5 बजे तक कथा होगी।
विधायक संदीप शर्मा ने कलश का पूजन किया। लाल चुनरी में सजधजकर शामिल हुई हजारों महिलाओं के सिर पर कलश थे तो हजारों की संख्या में महिलाएं साथ चल रही थी। श्रीनाथपुरम स्टेडियम से दोपहर 3 बजे कलश यात्रा रवाना हुई, जो पांच किमी का रास्ता तय कर तीन बत्ती सर्किल, छोटा चौराहा, दादाबाड़ी बड़ा चौराहा से होते हुए कथा स्थल दशहरा मैदान स्थित विजय श्री रंगमंच पर पहुंची। शोभायात्रा में तीन बैंडवादक दल व पांच डीजे मधुर स्वर लहरियां बिखेर रहे थे। मेरे प्रभु जानते हैं बात घट घट की..., भर दे मायरो...सांवरिया थारो कांई लागे..., दीवाना राधे का...., .द्यद्य जैसे भजन गूंज रहे थे और श्रद्धालु मंत्रमुग्ध होकर नृत्य करते चल रहे थे। धर्मध्वजा थामे 10 घुड़सवार चल रहे थे। नंदी के साथ शंकर-पार्वती, राधा-कृष्ण समेत अन्य झांकियां चल रही थी। करीब 150 से भी अधिक तोरण द्वार लगाए गए, जहां पुष्प वर्षा कर श्रद्धालुओं का स्वागत किया। कई जगहों पर शीतल जल, छाछ व प्रसाद वितरित किया गया। विधायक संदीप शर्मा ने बताया कि दशहरा मैदान स्थित विजयश्री रंगमंच पर प्रतिदिन 2 से 5 बजे तक कथा होगी।