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जीवन से बढ़कर कुछ नहीं
मिठाई और कचौरी-समोसे की दुकान संचालकों ने बताया कि अचानक आई इस विपदा से लाखों रुपयों का नुकसान हो गया। भंडार में रखा कच्चा माल खराब हो गया, लेकिन यदि सभी सुरक्षित रहे तो जीवन में इस नुकसान की भरपाई हो जाएगी। ऐसे में सबसे पहले लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकताओं में रखना होगा। हालांकि ठेला लगाकर कचौरी-समोसे बेचने वालों को समस्या इस लॉकडाउन में अधिक हो गई।
भंडारों में रखा-रखा हुआ खराब
कुछस्थानों पर बनी हुई रखी मिठाइयां खराब हो गई। भंडार और दुकानों को खोलकर इस सामग्री को संभाला तक नहीं जा सका।कुछ जगहों पर मावा खराब होने पर उसे फेंक दिया गया। लॉकडाउन के 14 अप्रेल तक रहने से कई दुकानदारों ने मावा भंडारों को बंद कर दिया। बूंदी में मिष्ठान भंडार संचालक जगदीश राजपुरोहित ने बताया कि दुकान में मावे, बेसन से तैयार मिठाइयां थी। पहले सोचा था कि 1 दिन का जनता कफ्र्यू रहेगा, लेकिन यह लॉकडाउन में तब्दील हो गया। बाद में इसकी अवधि भी बढ़ गई। इससे लाखों रुपयों की मिठाइयां खराब हो गई।
भंडारों में रखा मावा और मिठाइयां अब खाने लायक नहीं रहेगी। ऐसे में कोई दुकानदार इसे नहीं बांटे। लोगों के स्वास्थ्य से कोई खिलवाड़ नहीं करें। यदि जीवन बना रहा तो नुकसान की भरपाई कहीं भी हो जाएगी। सभी लॉकडाउन की पूरी पालना करें।
गिरिराज शर्मा, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, बूंदी