मंडी संचालन में जनप्रतिनिधि, व्यापारी एवं प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता किसानों को भारी पड़ रही है। मंडी के व्यापारी यहां खरीद- फरोख्त शुरू नहीं कर बाजारों में जिंसों की खरीद कर चांदी कूट रहे हैं।
इन पर न तो प्रशासन कार्रवाई कर रहा और न मंडी समिति। किसानों की सहुलियत की बातें करने वाले जनप्रतिनिधि भी मंडी संचालन को लेकर कोई प्रयास नहीं कर रहे।
यहां गौण मंडी में यूं तो करीब डेढ़ दर्जन स्थानीय व्यापारियों के लाइसेंस हैं लेकिन व्यापारी यहां खरीद फरोक्त नहीं कर सिर्फ यहां बने गौदामों का उपयोग करते है। मंडी प्रशासन इनसे किराया तो समय पर वसूलता है लेकिन मंडी खरीद के लिए इन्हें पाबंद नहीं करता। ऐसे में करोड़ों रुपए खर्च कर जुटाई गई सुविधाएं सिर्फ राजनीतिक व अन्य समारोह आयोजनों तक सिमटकर रह गया है।