इसमें सिन्धु नदी किनारे पूजन के साथ कलश,ईष्टदेव झूलेलाल व भगवान बुद्ध के चित्र का समावेश किया है। अध्यक्ष मुरलीधर माखीजा ने बताया कि बैठक में यात्रा के कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया गया है।
तीर्थयात्रा का ऑनलाइन पंजीयन प्रारम्भ हो गया है। जिससे देश विदेश से तीर्थयात्री पंजीयन कर रहे है। प्रदेश के सभी जिलों में बैठके आयोजित कर पंजीयन करवाया जा रहा है। प्रदेश प्रभारी महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने बताया कि सिंधु महाकुभ्ंा का आयोजन 19 जून से 27 जून तक दो समूहों में किया जाएगा।
यात्रा सडक मार्ग जम्मू से लेह व चंडीगढ तक व दूसरा मार्ग चंडीगढ से लेह जम्मू तक रहेगा और हवाई मार्ग में दिल्ली से लेह रहेगा। महाकुंभ में 21 जून निर्जला एकादशी व 24 जून ज्येष्ठ पूर्णिमा को शाही स्नान का आयोजन किया गया है।
यात्रा की पूर्ण व्यवस्था के लिए सामाजिक संगठनों को जोडकर तीर्थयात्रियों की व्यवस्था पर चर्चा की गई। यात्रा में संत महात्मा व विभिन्न मत पंथो के प्रमुख भी शामिल होंगे। बैठक का संचालन राष्ट्रीय महामंत्री भूपेन्द्र कंसल ने किया। कोटा में भी कुछ दिन पूर्व आयोजन को लेकर बैठक की गई थी।