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Social Pride : यहां मि‍लता है सुकून, क्योंकि‍ ये है बेसहारों का अपना घर

locationकोटाPublished: Jan 20, 2018 06:28:27 am

Submitted by:

shailendra tiwari

मां माधुरी बृज वारिस सेवा सदन ‘अपना घर में पिछले 5 बरसों में न जाने कितनी ही महिलाओं को आसरा मिला।

Apna Ghar
कोटा .

शहर के राजकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालय परिसर में स्थित मां माधुरी बृज वारिस सेवा सदन ‘अपना घर में पिछले 5 बरसों में न जाने कितनी ही महिलाओं को आसरा मिला। इनके परिजनों का पता चला तो उन्हें अपनों से मिला दिया। किसी भी कारणवश कैसी भी परिस्थिति में ये आश्रम में आई थीं, लेकिन विदा किया तो बहन-बेटी की तरह। अपना घर में अनजान, मानसिक रूप से विक्षिप्त, मजबूर, बीमार, लाचार महिलाओ को आसरा मिलता है और उनकी सेवा भी प्रभु के रूप में होती है। पुलिस व अन्य माध्यमों से सूचना पर इन महिलाओं को यहां लाया जाता है।
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सेवाभावी रश्मि शर्मा बताती हैं कि जिस ढंग से अपना घर में महिलाओं की देखरेख होती है लगता नहीं इन हालातों में परिवार के लोग भी कर सकते हों। अपनाघर के अध्यक्ष राजकुमार शर्मा के अनुसार आश्रयहीन, असहाय, अज्ञात, बीमार को वेदनादायक पीड़ा व असामयिक मृत्यु का शिकार होने से बचाया जा सके, इसी उद्देश्य को लेकर हम प्रयासरत हैं।
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अब तक 777 को आसरा
संस्था में व्यवस्थाओं को देखने वाले मनीष जाट बताते हैं कि गत पांच वर्षों में अपना घर में 777 से अधिक महिलाओं को आसरा मिला है। इनमें से करीब 144 को उनके परिजनों से मिलाया है। संस्थान के देशभर में करीब 22 आश्रम संचालित हैं और इनमें 4 हजार से अधिक लोग रह रहे हैं। कोटा में फिलहाल 90 महिलाएं हैं।
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2012 से संचालित
अपना घर आश्रम की स्थापना 29 जून 2000 को डॉ. बीएम भारद्वाज व माधुरी भारद्वाज ने भरतपुर जिले में बझेरा गांव में की थी। कोटा में 22 जनवरी 2012 में नांता में नारी निकेतन परिसर में अपना घर शुरू किया था। महिलाओं की सेवा में जुटी सुरभि वर्मा बताती हैं कि प्रयास यही रहता है कि इन्हें किसी तरह की परेशानी न हो।
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