कोटा

Pulwama terror attack : पति हेमराज से भी बहादुर निकली पत्नी, नहीं पौंछा शहीद के नाम का सिंदूर…

जिस वर्दी को पहन कर कोटा के लाल हेमराज ने मातृभूमि की रक्षा की सौगंध खाई थी, वह उसी को पहने हुए शहीद हो गया।

कोटाFeb 15, 2019 / 02:03 am

​Zuber Khan

पति हेमराज से भी बहादुर निकली पत्नी, नहीं पौंछा शहीद के नाम का सिंदूर…

कोटा. जिस वर्दी को पहन कर कोटा के लाल हेमराज ने मातृभूमि की रक्षा की सौगंध खाई थी, वह उसी को पहने हुए शहीद हो गया। गोलियों और बमों की ताबड़तोड़ बौछार के बावजूद जांबाज ने अपने कदम पीछे खींचना तो दूर लडखड़़ाने तक नहीं दिए। वहीं हजारों किमी दूर सांगोद में बैठी शहीद की पत्नी मधु का हौसला तो पति से भी ज्यादा मजबूत निकला। बुजुर्ग पिता को बेटे और मासूम बच्चों को पिता की शहादत का सदमा न लग जाए… बस यही सोचकर मधु मीणा ने रात भर अपनी मांग का सिंदूर नहीं पौंछा।
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शहीद हेमराज के बड़े भाई रामविलास मीणा ने बताया कि सीआरपीएफ के जम्मू कैंप से रात करीब दस बजे मधु के पास फोन आया। जिसमें उन्होंने हेमराज के शहीद होने की खबर दी। रात काफी हो चुकी थी और बच्चे सोने वाले थे। मधु ने ऐसे वक्त में गजब का हौसला दिखाते हुए घर के किसी भी सदस्य को इसकी जानकारी नहीं दी। उन्होंने मुझे फोन कर गांव से बुलाया और सारी बात बताई। मैं मधु की हिम्मत देखकर दंग रह गया और इसके बाद मेरी भी बुजुर्ग पिता या किसी ओर को इस बारे में बताने की हिम्मत नहीं पड़ी। हालांकि लोगों को जैसे-जैसे पता चलता गया। वह खुद घर की ओर दौड़ पड़े।
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छह साल का है छोटा बेटा

राम विलास ने बताया कि पाकिस्तान की कायरना हरकत से सिर्फ उनका भाई ही नहीं छिना। चार मासूम बच्चों के सिर से पिता का साया भी छिन गया। हेमराज की सबसे बड़ी बेटी रीना की उम्र अभी महज 17 साल है और वह स्नातक प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रही है। जबकि उससे छोटी बेटी टीना (15) अभी नौवी क्लास में पढ़ रही है। जबकि बड़ा बेटा अजय (13 साल) पांचवीं और छह साल का सबसे छोटे बेटे ऋषभ ने पिछले साल ही स्कूल जाना शुरू किया है। पिता हरदयाल मीणा बुजुर्ग हैं। हेमराज पांच भाई बहिनों में दूसरे नंबर के थे। भाई देवलाल, नरेंद्र और बहन राजेश मीणा उनसे छोटी हैं।
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पढ़ाई में थे तेज
बड़े भाई रामविलास मीणा ने बताया कि शहीद हेमराज पढ़ाई में खासे तेज थे। गांव विनोद खुर्द से ही प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद रोलाना और सांगोद में पढ़ाई की। इसके बाद उच्च शिक्षा लेने बारां चले गए। जहां से उनका चयन सीआरपीएफ में हो गया।
जमकर मनाया था जन्मदिन
राम विलास ने बताया कि एक जुलाई 2018 को हेमराज का जन्म दिन पूरे परिवार ने धूमधाम से मनाया था।

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