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1.30 करोड़ खर्च, फिर भी टपक रही छतें

locationकोटाPublished: Jul 23, 2018 12:11:07 am

Submitted by:

shailendra tiwari

जेके लोन अस्पताल का मामला, बारिश में टपक रहा अस्पताल का कोना-कोना

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1.30 करोड़ खर्च, फिर भी टपक रही छतें

कोटा. जेके लोन अस्पताल में रिनोवेशन पर पिछले तीन सालों में दो बार १ करोड़ ३० लाख रुपए खर्च हो चुके हैं। इसमें छतों की मरम्मत भी की गई। एक बार तो पूरी छत को खोलकर भरा गया। इतनी मोटी राशि खर्च करने के बावजूद इन दिनों बारिश में अस्पताल की छतें टपक रही है। दीवारों पर सीलन बनी है। अस्पताल का कोना-कोना टपक रहा है। वार्डों में सीलन आ चुकी है। कई जगह से प्लास्टर उखडऩे लगा है। इससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

भरभराकर गिरा छत का प्लास्टर, बाल बाल बचे जच्चा-बच्चा
जेके लोन अस्पताल में रविवार को पीएन-सी वार्ड में छत का प्लास्टर भरभरा कर गिर गया। गनीमत यह रही कि नवजात व प्रसूता के पलंग से दूर गिरा, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। हालांकि एक युवक प्लास्टर गिरने से चपेट में आ गया। उसके सिर पर चोट आई है। बालिता निवासी रेखा वैष्णव को शनिवार को प्रसव हुआ। उसने एक बालिका को जन्म दिया। उसे पीएन-सी वार्ड में भर्ती कराया गया था। यहां उनका परिवार सामने दूसरे पलंग पर बैठा हुआ था। परिवार के सदस्य आपस में बातचीत कर रहे थे। रविवार दोपहर डेढ़ बजे को छत का प्लास्टर पलंग के पास गिर गया। अचानक गिरे प्लास्टर से वहां मौजूद लोगों में हड़कंप मच गया। प्लास्टर गिरने से नवजात व प्रसूता बाल- बाल बच गए। हालांकि वहां मौजूद कुलदीप के सिर पर प्लास्टर गिरने से चोट आई है। अस्पताल में प्लास्टर गिरने की घटना के बाद एसडीएम, सीएमएचओ व पीडब्ल्यूडी के अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली।
छत का प्लास्टर गिरा, बाल-बाल बचे नवजात व प्रसूता

पत्रिका ने चेताया था

राजस्थान पत्रिका ने ‘सीलन, टपकन और खतरे में जिंदगानीÓ शीर्षक से राजस्थान पत्रिका ने समाचार प्रकाशित जेके लोन अस्पताल के हालातों को लेकर समस्या उजागर की थी। जिसमें बताया गया था कि पीएन-सी, बी वार्ड, शिशु वार्ड-बी, आपातकालीन वार्ड समेत कई जगहों पर पानी टपक रहा है। इससे छतों व दीवारों पर सीलन के कारण प्लास्टर उखड़ रहा है। इससे प्रसूताओं व नवजात बच्चों के लिए खतरा बना है।
मेरे कार्यकाल में अस्पताल के रिनोवेशन पर पिछले तीन सालों में दो बार १ करोड़ ३० लाख की राशि खर्च की गई। इसमें छत की मरम्मत की गई। यह काम पीडब्ल्यूडी ने किया था। पीडब्ल्यूडी ने काम सही नहीं किया। जिसके कारण आज अस्पताल पानी से टपक रहा है।
डॉ. आरके गुलाटी, पूर्व अधीक्षक, जेके लोन

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