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मसाला पार्क का आवंटन निरस्त, 600 करोड़ के निवेश को झटका

locationकोटाPublished: Jun 06, 2016 01:48:00 pm

रिसर्जेंट राजस्थान के नाम पर निवेश को बढ़ावा देने की घोषणा करने वाली राज्य सरकार ने हाड़ौती का महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट मसाला पार्क झटक लिया है।

रिसर्जेंट राजस्थान के नाम पर निवेश को बढ़ावा देने की घोषणा करने वाली राज्य सरकार ने हाड़ौती का महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट मसाला पार्क झटक लिया है। रामगंजमंडी में बन रहे मसाला पार्क की जमीन का आवंटन निरस्त कर दिया गया है। इससे केन्द्र सरकार की मसाला जिन्सों के निर्यात को बढ़ावा देने की योजना को तगड़ा झटका लगा है। इससे निवेश पर भी विपरीत असर पड़ेगा। इसमें 600 करोड़ से अधिक का निवेश होना प्रस्तावित था।
सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार ने भारत सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय के प्रादेशिक कार्यालय जोधपुर को पत्र लिखकर कांग्रेस शासन में किए गए मुफ्त भूमि आवंटन को नहीं मानकर 1 करोड़ 33 लाख 42 हजार की राशि का तकाजा किया था, यह राशि जमा नहीं कराने के कारण जिला कलक्टर ने मसाला पार्क की जमीन का आवंटन निरस्त कर दिया है।
यह था मामला

राज्य में कांग्रेस शासन के दौरान उपशासन सचिव राजस्व ग्रुप 3 के आदेश से अगस्त 2010 में पीपाखेड़ी पंचायत की 12.14 हैक्टेयर चरागाह भूमि को स्पाइस पार्क बनाने के लिए भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय नई दिल्ली को नि:शुल्क आवंटित किया था। इस भूमि के बदले सहरावदा ग्राम पंचायत की भूमि मेंं सेे 14.52 हैक्टेयर सिवायचक भूमि को चरागाह भूमि में दर्ज करने के आदेश किए। जमीन मिलने के बाद उस पर स्पाइस पार्क बनाने की तैयारी शुरू कर दी और 25 करोड़ का निर्माण भी करा लिया। 
इसमें 90 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। इस नि:शुल्क भूमि आवंटन पर महालेखाकार ने आडिट में आक्षेप लगा दिया। उपशासन सचिव ने उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय के प्रादेशिक कार्यालय जोधपुर को पत्र लिखकर आधा दर्जन बार तकाजा करने के बावजूद रुपए जमा नहीं कराने पर जिला कलक्टर ने जमीन का आवंटन निरस्त कर दिया है।
30 उद्योग लगने थे

इस मसाला पार्क में निर्यात आधारित 30 उद्योग लगने हैं। इसमें प्रत्येक उद्योग को एक एकड़ जमीन आवंटित की जानी है। इसमें करीब एक दर्जन उद्योगों को आवंटन हो गया है। इसमें धनिये की ग्रेडिंग, क्लीनिंग करके निर्यात किया जाना है। यहां केरल की एक नामी कम्पनी ने भी निवेश किया है। उद्यमियों का कहना है कि एक उद्योग में मोटे तौर पर 20 करोड़ का निवेश प्रस्तावित था। इस हिसाब से इस मसाला पार्क में 600 करोड़ का निवेश होना था।
मेगा फूड पार्क भी फिसल गया

एग्रो फूड पार्क एसोसिएशन के अध्यक्ष शिव कुमार जैन ने बताया कि चार साल पहले केन्द्र सरकार ने कोटा में छह हजार करोड़ के रानपुर में मेगा फूड पार्क की घोषणा की थी, लेकिन जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते इस प्रोजेक्ट दक्षिण भारत में चला गया था। हाड़ौती में 90 फीसदी धनिये का उत्पादन होता है, इसलिए मसाला पार्क बनना जरूरी है।
फैक्ट फाइल 

स्पाइस पार्क की निर्माण लागत 30 करोड़ रुपए

 अब तक हो चुका है निर्माण कार्य 25 करोड़ रुपए

कितनी मसाला यूनिट तैयार हो चुकी 30 यूनिट

कितनी कंपनियों को गोदाम मिल चुके ह 12 कंपनियों को
केरल की कंपनी करती निर्यात 10 लाख टन मसाला

प्रोसेसिंग प्लांट लगाती कंपनियां 12 कंपनियों ने मांगी अनुमति

लम्बे प्रयासों के बाद रामगंजमंडी में मसाला पार्क स्वीकृति हुआ था। जमीन का आवंटन निरस्त होने से निवेश पर विपरीत असर पड़ेगा। हाड़ौती में मसाला जिन्सों के उत्पादन के मद्देजर स्पाइस पार्क खुलाना जरूरी है। 
देवीशंकर राठौर, अध्यक्ष ग्रेन एण्ड सीड्स मर्चेन्ट्स एसोसिएशन रामगंजमंडी

सीएजी ने ऑडिट में मसाला पार्क की जमीन नि:शुल्क देने पर आक्षेप लगाया था। इसके बाद केन्द्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय को स:शुल्क जमीन लेने के लिए पत्र लिखा था, लेकिन राशि जमा नहीं करवाई है। इस कारण मसाला पार्क की जमीन का आवंटन निरस्त कर दिया गया है।
डॉ. रविकुमार सुरपुर, जिला कलक्टर, कोटा

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