Corona News…एसआरजी अस्पताल की व्यवस्थाएं वेन्टीलेटर पर
कोटाPublished: May 03, 2021 08:14:24 pm
-बेड फुल, तड़प रहे मरीज, वार्ड में जगह नह- सामान्य मरीजों के लिए एसआरजी चिकित्सालय के दरवाजे बंद, जनाना में की व्यवस्था- नौ कोरोना संक्रमितों ने तोड़ा दम
Corona News…एसआरजी अस्पताल की व्यवस्थाएं वेन्टीलेटर पर
झालावाड़. जिले में कोरोना कहर बरपा रहा है। आए दिन मरीजों मौतें हो रही है। जिलेवासियों अभी भी समय है आप संभल जाएं। जरा सी लापरवाही जान पर भारी पड़ सकती है। चिकित्सालय में न बेड है न पर्याप्त वेंटिलेटर। ऑक्सीजन भी एक दिन की शेष है। ये हाल है कोरोना के चलते जिले के सबसे बड़े एसआरजी चिकित्सालय के। चिकित्सालय में इन दिनों मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में चिकित्सालय प्रबंधन ने अस्पताल में संक्रमण कम करने के लिए रूटिन के मरीजों को जनाना चिकित्सालय में दिखाने की व्यवस्था की है। जनाना चिकित्सालय के दरवाजे बंद कर दिए गए है। जिले में संक्रमित मरीजों की संख्या 11 हजार पार हो चुकी है। इसके बाद भी लोग बाजार में बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। जिसमें कोई सोशल डिस्टेंस का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है। नौ कोरोना संक्रमितों की मौत हो गई है। एसआरजी चिकित्सालय में कोविड के अलावा ओपीडी में करीब 600 लोग रोज आ रहे हैं। ऐसे में संक्रमण चिकित्सालय में भी ज्यादा फैल रहा है। ऐसे में चिकित्सालय प्रबंधन ने एसआरजी चिकित्सालय के बाहर पुलिस जाप्ता तैनात कर मेडिकल टीम बिठा दी है जो गंभीर कोरोना व अन्य गंभीर मरीजों को डॉक्टर से बात कर भर्ती की स्थिति में ही अंदर प्रवेश देंगी। शेष मरीजों को कोविड क्वारंटीन सेंटर या सीएचसी पर भेजा जा रहा है। जनाना चिकित्सालय में एसआरजी चिकित्सालय का करीब 40 का स्टाफ लगाया गया है। एसआरजी चिकित्सालय में सभी ब्लॉक फुल है, मरीज आने के अनुपात में डिस्चार्ज बहुत कम हो रहे हैं। जो मरीज भर्ती हो गया है वह करीब एक सप्ताह में सही होकर जा रहा है। सोमवार की स्थिति यह थी कि इमरजेंसी में करीब 25 मरीज भर्ती है। जिनमें से कुछ स्टै्रचर पर कुछनीचे ही नजर आए। चिकित्सालय में करीब 400 कोविड मरीज भर्तीहै। ऐसे में कई मरीज जिनका सेचुरेशन 50 से कम आ रहा है उन्हें भी वेंटिलेंटर नहीं मिल पा रहा है। ऐसी स्थिति में लोगों की जान जा रही है। एसआरजी चिकित्सालय में इलाज के लिए पहुंची झालरापाटन के भिलवाड़ा निवासी एक महिला की बेटी पलंग की मांग करती रही। लेकिन पलंग के अभाव में इमरजेंसी में नीचे ही बैठ गई। लेकिन पलंग नहीं मिल पाया।