राज्य सरकार के आदेश पर तहसील प्रशासन सूची तैयार करने में जुट गया है। जल्द ही सूची राज्य सरकार को भेजी जाएगी। इसके बाद मुआवजा राशि सीधे ही किसानों के खातों डाली जाएगी। राज्य सरकार की ओर से असिंचित क्षेत्र के लिए 6 हजार 800 रुपए प्रति हैक्टेयर व सिंचित क्षेत्र के लिए 13 हजार 500 प्रति हैक्टेयर मुआवजा राशि तय की गई है। किसानों की जितनी फसल खराब होगी। उसी हिसाब से मुआवजा राशि मिलेगी। उपखंड में लगाातार बारिश से कई जगहों पर खेत पानी से लबालब हो गए थे, जिससे फसलें गलना शुरू हो गई थी। तहसीलदार की ओर से गिरदारी कराई गई थी। यह गिरदारी 16 सितंबर से 15 अक्टूबर तक पूरे उपखंड में कराई थी। पूरे उपखंड की एक रिपोर्ट बनाई गई थी। तहसील कार्यालय के अनुसार 24 हजार 45 हैक्टेयर में फसलें थी। इसमें से 15 हजार 402 हैक्टेयर में फसलें खराब हो गई। यानि 64.05 प्रतिशत फसलेें खराब हुई है। तहसील कार्यालय ने रिपार्ट जिला कलेक्टर को भेजी थी, जहां से रिपोर्ट राज्य सरकार के पास गई। राज्य सरकार की ओर से मुआवजा राशि तय की गई।
इस तरह से हुई फसलें खराब
1 हजार 150 हैक्टेयर में चावल की फसल की बुआई की थी। इसमें से 584 हैक्टेयर में फसल खराब हो गई। मक्का की 11 हजार 88 में से 7 हजार 206 हैक्टेयर में फसल खराब हो गई। इसी तरह से ज्वार की 1 हजार 340 में से 716, उड़द 4 हजार 38 0 में से 3 हजार 5 व मूंग 4 हैक्टेयर में से 1 हैक्टेयर में फसल खराब हो गई। तिल 73 में से 48, मूंगफली 1 हजार 168 में से 749, सोयाबीन 4 हजार 669 में से 3 हजार 9, अजवाइन 45 में से 23 हैक्टेयर, कपास 33 हैक्टेयर में से 21 हैक्टेयर में फसल खराब हो गई। सब्जियां 43 में से 25 व अन्य फसलें 52 में से 15 हैक्टेयर में खराब हो गई।
वर्जन
असिंचित क्षेत्र के लिए 6 हजार 800 रुपए व सिंचित क्षेत्र के लिए 13 हजार 500 रुपए प्रति हैक्टेयर मुआवजा राशि दी जाएगी। राज्य सरकार की ओर से किसानोंं की सूची मांगी गई है। राशि किसानों के खातों में सीधे ही डाली जाएगी।
नारायणगिरी गोस्वामी, तहसीलदार, रावतभाटा