scriptएकतरफा मुकाबले में जीते जयपुर, जोधपुर व सवाईमाधोपुर | Patrika News

एकतरफा मुकाबले में जीते जयपुर, जोधपुर व सवाईमाधोपुर

locationकोटाPublished: Sep 17, 2017 08:24:38 pm

Submitted by:

Deepak Sharma

बारां. 62वीं राज्य स्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिता (19 वर्ष छात्र) का आगाज रविवार को यहां श्रीराम स्टेडियम में समारोहपूर्वक हुआ।

State Level Football Championship in Baran

State Level Football Championship in Baran

बारां. 62वीं राज्य स्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिता (19 वर्ष छात्र) का आगाज रविवार को यहां श्रीराम स्टेडियम में समारोहपूर्वक हुआ। पहले दिन कई मुकाबले हुए। संयुक्त संचालन सचिव मैना जैन ने बताया कि उद्घाटन सत्र के बाद खेले गए मुकाबलों में सार्दुल स्पोट्रर्स बीकानेर को 0-4 से अलवर ने पराजित किया। इसमें अलवर के विशाल ने गोल दागते हुए खाता खोला। दो और गोल करते हुए प्रतिद्वंद्वी टीम पर निरंतर दबाब बनाए रखा एवं एक गोल का सहयोग हार्दिक का रहा।
 
यह भी पढ़ें

पहलवानों ने दिखाया दमखम…देखिए तस्वीरें

इसी प्रकार भीलवाड़ा ने बूंदी को 5-1 से परास्त किया। इसमें भीलवाड़ा के प्रदीप ने प्रथम में 2 गोल दागे, बूंदी के मेहताब ने 1 गोल करते हुए पारी संभाली लेकिन भीलवाड़ा के ओमप्रकाश के 1, रामपाल के 2 गोल के सहयोग से भीलवाड़ा मैच जीतने में कामयाब रहा। पाली व सिरोही 1-1 से एवं उदयपुरअजमेर 0-0 पर बराबर रहने से मैच ड्रॉ रहे। इसके बाद जयपुर प्रथम एवं राजसमन्द तथा जोधपुर एवं जयपुर द्वितीय के मध्य मुकाबला एकतरफा रहा। इसमें जयपुर प्रथम ने राजसमन्द को 6-0 से तथा जोधपुर ने जयपुर द्वितीय को 7-0 से हराया।
यह भी पढ़ें

कृषि मंत्री ने कहा किसानों के माफ होंगे कर्ज और मिलेगा बोनस

ऐसे ही सवाईमाधोपुर ने छात्रावास कोटा पर 7-0 से एकतरफा जीत हांसिल की। नोहर व झुंझुनूं के मध्य मुकाबला संघर्षपूर्ण रहा। इसमें झुंझुनूं ने 2-1 से नोहर को शिकस्त दी।

वीडियो – सालभर में मात्र एक टूर्नामेंट, कैसे बढ़ेंगे खिलाड़ी
द्रोणाचार्य अवार्ड विजेता व अन्तरराष्ट्रीय फुटबॉलर हकीम ने खड़ा किया सवाल

बारां. द्रोणाचार्य अवार्ड विजेता व अन्तरराष्ट्रीय फुटबॉलर एसएस हकीम ने कहा कि स्कूल-कॉलेजों में खेल नहीं होते। बच्चों के लिए खेल मैदान नहीं है। ऐसे में बच्चे खेल के क्षेत्र में कैसे आगे बढ़ पाएंगे? रविवार को राज्य स्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह में बारां आए हकीम ने ‘पत्रिका’ से चर्चा में कहा कि सालभर में मात्र एक टूर्नामेंट होता है।
यह भी पढ़ें

अंधविश्वास का खेल : एमबीएस के सोनोग्राफी रूम में आत्मा लेने पहुंचे लोग, टोना-टोटका किया

यही कारण है कि अब जिला स्तर से खिलाड़ी आना बंद हो गए हैं। स्कूल व जिला प्रशासन को साल में तीन से चार टूर्नामेंट कराने चाहिएं। राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर जो खिलाड़ी खेलते हैं। उन्हें सरकार को निश्चित रूप से सरकारी नौकरी देनी चाहिए। जिला स्तर पर स्पोट्र्स क्लब खुलने चाहिएं, वरना खिलाड़ी आगे नहीं बढ़ पाएंगे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो