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लक्ष्मी ग्राम सेवा सहकारी समिति कनवास अध्यक्ष नरेन्द्र मोहन गौतम ने बताया कि 29 व 30 जून को पूरे राज्य में नेटबंदी थी। सहकारी समितियों से ऋण प्राप्त किसानों को 30 जून तक रबी फसल पर लिया गया ऋण जमा कराना था और खरीफ फसल के लिए ऋण लेना था। कोटा जिले में 162 सहकारी समितियां हैं। सहकारी समितियों में ऑनलाइन कार्य के चलते किसानों को न तो ऋण जमा हो पाए, न ही खरीफ फसल के लिए ऋण स्वीकृत हुए। ऐसे में ऋणी किसानों को डिफाल्टर घोषित होने की चिंता सता रही है। सहकारी समितियों से किसानों को ऋण बिना ब्याज मिलता है। नेटबंदी से जिन किसानों ने ऋण जमा नहीं कराया, उन किसानों को ब्याज भी चुकाना पड़ेगा। ऐसे ही स्थिति पूरे राज्य के किसानों की है।
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चुनाव में भाग नहीं ले सकेंगे
उन्होंने बताया कि सहकारी समितियों के चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में डिफाल्टर किसान चुनाव में भाग नहीं ले सकेंगे। उन्होंने मांग की है कि नेटबंदी राज्य सरकार की ओर से उठाया गया कदम है। ऐसे में राज्य सरकार नेटबंदी की अवधि का समय किसानों को ऋण जमा कराने के लिए दे, ताकि ऋण जमा हो सके और खरीफ फसल के लिए किसानों को ऋण मिल सके।
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नेटबंदी की समस्या के चलते किसानों की यह समस्या पूरे राज्य की है। हमने राज्य सरकार को किसानों की समस्या के लिए लिख दिया है। फैसला करना राज्य सरकार का काम है। – बलविन्दर सिंह गिल, प्रबंध निदेशक, सहकारी समितियां