हड़ताल के समर्थन में बैंक कर्मचारी-अधिकारी मंगलवार सुबह 10 बजे झालावाड़ रोड़ स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा पर एकत्र हुए साथ ही नारेबाजी भी की।
इस दौरान उन्होंने बैंकिंग सुधार के नाम पर बैंकों के निजीकरण-विलय कर बैंक को बंद करने, कॉर्पोरेट घरानों के एनपीए को बट्टे खाते में नहीं डालने, कार्पोरेट घरानों से हुए बैंक घाटे का प्रभार बढ़ा कर आम ग्राहक पर नहीं लादने, एनपीए वसूली के लिए गठित संसदीय समिति की सिफारिश लागू करने, जानबूझ कर ऋण अदायगी न करने पर बैंक कर्मचारी, अधिकारी पर दंडनीय अपराध घोषित नहीं करने, अवांछित बैंक बोर्ड ब्यूरो भंग करने, बैंकिंग सेक्टर के सभी वर्गों में नई भर्ती करने, नोटबंदी के दौरान के बैंक अधिकारियों-कर्मचारियों के विभिन्न मुद्दों का तुरंत निपटारा करने की मांग की गई।
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यृनियंस
कोटा के संयोजक पदम पाटौदी ने हड़ताल पूर्ण रूप से सफल होने का दावा किया। उन्होंने बताया कि ग्रामीण व सहकारी बैंकों के कर्मचारियों का भी हड़ताल में पूरा समर्थन रहा। ग्रामीण बैंक के कई कर्मचारियों ने हड़ताल में शामिल होकर समर्थन दिया है।
हड़ताली बैंक कर्मियों को बैंक कर्मचारी-अधिकारी नेता शरणलाल गुप्ता, ललित गुप्ता, विपिन चोरायवाल, सुशील मेहता, संजीव झा, रमेश सिंह, गजानंद मीणा, मोहम्मद अकरम, सीएल भार्गव, मुकेश वर्मा, सुरेश खंडेलवाल, देव नारायण, अनिल एरन, डीके गुप्ता, डीएस साहू, हेमराज सिंह गौड़, मिर्जा नफीस बेग, भारतभूषण गौत्तम, आरबी मालव, राजीव सहगल, ज्ञानेंद्र शर्मा, रविकांत शर्मा के अलावा सेवानिवृत बैंक कर्मचारी नेता एलआर सिन्हा व रवि गुप्ता ने भी संबोधित किया।