Big news : बगावत पर सख्त हुआ भाजपा आलाकमान, दिग्गज
नेताओं की होगी छुट्टी, पार्टी में मचा हड़कम्प… गुजरात के राजकोट का बासिंदा सुहेल… जिसकी ननिहाल ही नहीं सगे चाचा तक पाकिस्तान के कराची शहर में रहते हैं। उसके मामा और चाचा अक्सर पाकिस्तान आने का न्यौता देते रहते। काम धंधे के मौके भी अक्सर बताते रहते। यूं तो सुहेल उनकी बातों को अक्सर नजरंदाज कर देता, लेकिन बेरोजगारी के चलते जब मुफलिसी के दौर से गुजरा तो उसे कराची के सिवाय कोई और मंजिल नजर नहीं आई। घर बार सब छोड़कर उन्हीं के साथ बसने के इरादे से चार बरस पहले जा पहुंचा पाकिस्तान।
नेताओं की होगी छुट्टी, पार्टी में मचा हड़कम्प… गुजरात के राजकोट का बासिंदा सुहेल… जिसकी ननिहाल ही नहीं सगे चाचा तक पाकिस्तान के कराची शहर में रहते हैं। उसके मामा और चाचा अक्सर पाकिस्तान आने का न्यौता देते रहते। काम धंधे के मौके भी अक्सर बताते रहते। यूं तो सुहेल उनकी बातों को अक्सर नजरंदाज कर देता, लेकिन बेरोजगारी के चलते जब मुफलिसी के दौर से गुजरा तो उसे कराची के सिवाय कोई और मंजिल नजर नहीं आई। घर बार सब छोड़कर उन्हीं के साथ बसने के इरादे से चार बरस पहले जा पहुंचा पाकिस्तान।
चुकानी पड़ी इश्क की कीमत
छहरे बदन और खूबसूरत नैन नक्श वाले हिंदुस्तानी युवक की जब कराची में आमद हुई तो मुहल्ले की लड़कियां उसे दिल दे बैठीं। ननिहाल में ठहरे सुहेल ने रिश्तेदारों की शोहरत में किसी तरह की आंच नहीं आने दी, लेकिन काम धंधा शुरू होने के बाद जब वह अपने पैरों पर खड़ा हुआ तो खुद को न संभाल सका। अटारी बॉर्डर के रास्ते सोमवार को हिंदुस्तान वापस पहुंचे सुहेल ने बताया कि चाचा के पड़ौस में रहने वाली लड़कियों से महज एक साल में उसकी अच्छी दोस्ती हो गई। जिसमें से एक ‘जाराÓ इस ‘वीरÓ के दिल में उतर गई। लाख कोशिशों के बावजूद सुहेल इस रिश्ते को छिपा न सका और एक रोज उसके चाचा को इसकी भनक लग गई। भतीजे के साथ कोई मुरव्वत दिखाने के बजाय उन्होंने इसकी इत्तला पुलिस को कर दी। नतीजा, पहले गिरफ्तारी और फिर जेल।
छहरे बदन और खूबसूरत नैन नक्श वाले हिंदुस्तानी युवक की जब कराची में आमद हुई तो मुहल्ले की लड़कियां उसे दिल दे बैठीं। ननिहाल में ठहरे सुहेल ने रिश्तेदारों की शोहरत में किसी तरह की आंच नहीं आने दी, लेकिन काम धंधा शुरू होने के बाद जब वह अपने पैरों पर खड़ा हुआ तो खुद को न संभाल सका। अटारी बॉर्डर के रास्ते सोमवार को हिंदुस्तान वापस पहुंचे सुहेल ने बताया कि चाचा के पड़ौस में रहने वाली लड़कियों से महज एक साल में उसकी अच्छी दोस्ती हो गई। जिसमें से एक ‘जाराÓ इस ‘वीरÓ के दिल में उतर गई। लाख कोशिशों के बावजूद सुहेल इस रिश्ते को छिपा न सका और एक रोज उसके चाचा को इसकी भनक लग गई। भतीजे के साथ कोई मुरव्वत दिखाने के बजाय उन्होंने इसकी इत्तला पुलिस को कर दी। नतीजा, पहले गिरफ्तारी और फिर जेल।
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आम घूम रहे पैंथर भालू और अजगर, कर्मचारियों में खौफ…
भारतीय दूतावास को सुहेल के साथ हुई नाइंसाफी की खबर लगी तो वह उसकी रिहाई की कोशिशों में जुट गए। जैसे-तैसे 27 अप्रेल को करांची की लांधी जेल से उसकी रिहाई मुमकिन हो सकी। चार साल बाद वतन वापस लौटे सुहेल अब पाकिस्तान का नाम तक नहीं लेना चाहते। वह कहते हैं कि लाख रिश्तेदार वहां रहते हों, लेकिन अब भूलकर कर भी उस मुल्क में कदम नहीं रखूंगा। राजकोट में ही जैसे भी हो सकेगी रोजी रोटी कमाने का जरिया तलाशेंगे।
आम घूम रहे पैंथर भालू और अजगर, कर्मचारियों में खौफ…
भारतीय दूतावास को सुहेल के साथ हुई नाइंसाफी की खबर लगी तो वह उसकी रिहाई की कोशिशों में जुट गए। जैसे-तैसे 27 अप्रेल को करांची की लांधी जेल से उसकी रिहाई मुमकिन हो सकी। चार साल बाद वतन वापस लौटे सुहेल अब पाकिस्तान का नाम तक नहीं लेना चाहते। वह कहते हैं कि लाख रिश्तेदार वहां रहते हों, लेकिन अब भूलकर कर भी उस मुल्क में कदम नहीं रखूंगा। राजकोट में ही जैसे भी हो सकेगी रोजी रोटी कमाने का जरिया तलाशेंगे।