सबसे पहले यहां सभी वार्डों की दिन में चार बार सफाई करवाई गई और हाइपोक्लोराइड का पौछा लगाया गया। उसके बाद एक टीम ने चैम्बर को देखा। वहां पता चला कि जब से भवन बना, तब से उस चैम्बर का ब्लॉक नहीं हटाया गया। इससे पानी वार्ड में प्रवेश कर रहा है। टीम ने चैम्बर का ब्लॉक हटाया। उसके बाद पानी का निकास हो सका। इससे वार्ड में पानी भरने की समस्या खत्म हो गई। इसके अलावा डॉक्टर की एक टीम भी लगाई गई। जिसने हर घंटे में मरीजों को चैकअप किया। जिन मरीजों को दवाइयां उपलब्ध नहीं हो पा रही थी। उन मरीजों को दवाइयां व इंजेक्शन भी पहुंचाए गए। आईसीयू में कार्यरत कर्मचारियों ने मरीजों के रक्त की जांचें भी लैब में ही करवाई गई।
सुझाव पेटियां भी लगेगी एसएसबी विंग के अधीक्षक डॉ. नीलेश जैन ने बताया कि एसएसबी ब्लॉक के दोनों ब्लॉक में सुझाव पेटियां भी लगाई जाएगी। जिसमें आमजन अस्पताल की समस्या लिखकर दे सकेंगे। प्रतिदिन एक कर्मचारी इस बॉक्स को खोलेगा। उसमें आने वाली शिकायत को अधीक्षक तक पहुंचाएगा। इससे तुरंत समस्या का समाधान हो सकेगा।
इनका यह कहना रिपोर्ट ली एसएसबी ब्लॉक में गंदा पानी व मरीजों की समस्या को लेकर मामला सामने आया था। उसके बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन को समाधान के लिए निर्देशित किया था, पूरे मामले की रिपोर्ट ली है।
उज्जवल राठौड़, जिला कलक्टर, कोटा नोटिस जारी कर रिपोर्ट तलब की एसएसबी ब्लॉक में पूरे वार्डों की सफाई करवाई गई। ब्लॉक फोर के इंचार्ज को नोटिस जारी कर दो दिन में तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब है। साथ ही नर्सिंग कर्मियों को नोटिस जारी कर बाहर से प्रावइेट गतिविधियों पर पाबंदी लगाने के निर्देशित किया है। यदि कोई इसमें लिप्त पाया गया तो उसे जिम्मेदार ठहराकर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. नीलेश जैन, अधीक्षक, सुपरस्पेशलिटी विंग