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नए अस्पताल में बन रहा सुपरस्पेशियलिटी ब्लॉक: 40 करोड़ की मशीनेें होंगी स्थापित

locationकोटाPublished: Feb 12, 2017 04:29:00 pm

Submitted by:

shailendra tiwari

मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में बन रहे सुपरस्पेशियलिटी ब्लॉक में 40 करोड़ से नौ विभागों में करीब 25 से ज्यादा मशीनें स्थापित होंगी।

मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में बन रहे सुपरस्पेशियलिटी ब्लॉक में 40 करोड़ से नौ विभागों में करीब 25 से ज्यादा मशीनें स्थापित होंगी। कॉलेज प्रबंधन ने उपकरणों की खरीद प्रक्रिया शुरू की गई है। इसमें सभी विभागों से उपयोगी उपकरणों की सूची ले ली गई है। ब्लॉक के नोडल ऑफिसर डॉ. नीलेश जैन ने बताया कि उन्होंने उपकरणों की सूची केन्द्र सरकार के प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के दिल्ली कार्यालय में भेज दी है।
ये होगा पूरी बिल्डिंग में

ग्राउंड व पांच फ्लोर के इस ब्लॉक में भूतल पर ओपीडी, माइनर ऑपरेशन थिएटर और लैबोरेट्री स्थापित होगी। इसके प्रथम तल पर प्रशासनिक कार्यालय और नेफ्रोलॉजी विभाग के वार्ड होंगे। 
दूसरे व तीसरे तल पर कार्डियोलॉजी, यूरोलॉजी, कार्डियोवेस्कूलर सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी, पीडियाट्रिक सर्जरी, गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी, न्यूरोसर्जरी व न्यूरोलॉजी के वार्ड होंगे। चौथे तल पर सभी विभागों के लिए आईसीयू होगा। पांचवें तल पर कैथ लैब, 4 मोड्यूलर ओटी और दो सेमी मोड्यूलर ओटी बनेंगे। साथ ही ब्लॉक के लिए अस्पताल से अलग अधीक्षक नियुक्त भी होगा।
आठ जगह बनेंगे वेटिंग एरिया

इस ब्लॉक में मरीज के परिजनों के इंतजार करने के लिए आठ जगह तैयार करवाई जाएगी। इसमें करीब 700 लोग एक साथ बैठ सकेंगे। साथ ही कॉन्फ्रेंस व शैक्षणिक कार्य में उपयोग आने वाला सेमिनार रूम भी बनाया जाएगा। साथ ही ऑपरेशन थिएटर में सीएसएसडी यूनिट यानी स्टरलाइजेशन सेक्शन भी स्थापित होगा।
यूरोलॉजी

यूरोलॉजी विभाग में 2.5 करोड़ रुपए का यूरो डायनेमिक स्टेशन स्थापित होगा। इसकी मदद से मरीज के पेशाब नली की प्रक्रिया से संबंधित बीमारियों की जांच ओपीडी में ही हो सकेंगी। साथ ही 70 लाख की एक्सरे मशीन सियाम भी स्थापित होगी। इनकी मदद से किडनी प्रत्यारोपण शुरू करने में मदद मिलेगी।
कार्डियोलॉजी

कैथ लैब के लिए एक करोड़ रुपए की 2डी इको और टीएमटी मशीनों की खरीद हो रही है। ब्लॉक में स्थापित हो रही कैथ लैब को नए अस्पताल से स्थापित किया जाएगा। 
न्यूरोसर्जरी

दूरबीन से सर्जरी में उपयोगी 2.5 करोड़ के माइक्रोस्कोप की खरीद की जा रही है। इसकी मदद छोटे ट्यूमर को भी 40 गुना बड़ा देखा जा सकेगा। वहीं छिपे हुए भाग जहां सामान्य दूरबीन से नहीं देखा जा सकता। उनकी भी सर्जरी हो सकेगी। इसके साथ ऑपरेशन के दौरान उपयोग होने वाली 70 लाख की एक्सरे मशीन सियाम शामिल है।
नेफ्रोलॉजी 

9 डायलिसिस मशीनें स्थापित होंगी। ये मशीनें अल्ट्रा फिल्टरेशन तकनीक से लैस होंगी। प्लास्टिक सर्जरी व पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में उपकरणों की खरीद होगी।

गेस्ट्रो एंट्रोलॉजी

गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग में दो करोड़ की लागत से एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड सोनोग्राफी और फाइब्रोस्केन मशीन स्थापित होगी। इसकी मदद से हृदय व फेफड़ों के बीच ट्यूमर की बायोप्सी के साथ शरीर के अंगों में होने वाले कैंसर की स्टेज का अनुमान लगाया जा सकेगा। बायप्सी की जगह फाइब्रोस्कैन से जांच होगी। 
न्यूरोलॉजी विभाग

ईईजी, वीडियो ईईजी, वेंटीलेटर और प्लाज्मा स्टेबलाइजर की खरीद होगी। साथ ही सिर की सोनोग्राफी करने की मशीन कैनियर डोप्लर भी स्थापित होगी। 

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