सीएमएचओ डॉ भूपेन्द्र सिंह तंवर ने बताया कि टीमों ने घर-घर जाकर 299737 जल पात्रों/कंटेनरो की जांच कर लार्वा पाए गए 2305 कंटेनरों को उपचारित किया। वहीं, 11030 कंटेनरों को खाली कराया। इनके अलावा 11187 जल पात्रों में टेमीफास की दवा और 8874 स्थानों पर एमएलओ डाला गया। 185 कमरों में पायरेथ्रम का छिड़काव किया। साथ ही लोगों को बीमारियों से बचाव-उपचार व रोकथाम संबधी जागरूकता के पोस्टर्स प्रदर्शित किए व पम्पलेट बांटे गए। सीएमएचओ ने बताया कि सोमवार 16 मई को जिले में राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाएगा। लोगों को डेंगू से बचाव रोकथाम के प्रति जागरूक करने के लिए रैलियां निकाली जाएगी। नारा लेखन किया जाएगा। अस्पतालों में आईईसी कॉर्नर बनाकर लार्वा व जागरूकता सामग्री का प्रदर्शन किया जाएगा। घर के जल पात्रों को सप्ताह में एक बार खाली करने की शपथ दिलाई जाएगी तथा एंटी लार्वा गतिविधियां की जाएगी। सीएमएचओ ने सभी चिकित्सा प्रभारियों को इसके लिए पाबंद किया है।
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https://www.patrika.com/kota-news/munnabhai-arrested-in-kota-with-fake-aadhar-card-for-examination-7533234/ डेंगू रोग का जिम्मेदार कौन ? चिकित्सा विभाग के कीट विज्ञानी ने बताया कि डेंगू मच्छर जनित रोग है जो कि एडीज एजिप्टाई मादा मच्छर के काटने से मनुष्यों को होता है। इस मच्छर को टाईगर जैसे फुर्ती होने के कारण टाईगर मच्छर के नाम से भी जाना जाता है। यह मादा मच्छर साफ पानी में एक बार में 100 से 150 तक अण्डे देती है। दो-तीन दिन में अण्डे से लार्वा, बनता हौ और फिर 4-5 दिनों में लार्वा से प्यूमा और उसके एक दो दिन बाद व्यस्क मच्छर बन जाता है। व्यस्क होने के बाद मच्छर दो से तीन सप्ताह तक ही जीवित रह पाता है।
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https://www.patrika.com/kota-news/minor-girl-reaches-madhya-pradesh-to-meet-young-man-7532693/ डेंगूं रोग के लक्षण - तेज बुखार, आंखों व सिर में आगे की ओर तेज दर्द, मांसपेषियों व जोड़ो में तेज दर्द, शरीर पर लाल चकते।
बचाव-रोकथाम के लिए ये करें - घरों के आस-पास अनावष्यक पानी एकत्र ना होने दें, घरों में पानी की सभी टंकियो एंव पात्रों को हमेषा ढक कर रखना चाहिए। घर की टंकी, कूलर, पक्षियों के परिण्डे, फ्रिज की ट्रे आदि को सप्ताह में एक बार रगड़कर साफ करना चाहिए।
पानी के बर्तनों को भरने से पहले उन्हे साफ करें, टायर, नारियल के खोल व अन्य कबाड़ो में पानी एकत्र ना होने दें, घरों में मच्छरदानी का प्रयोग करें, घरों के दरवाजे खिड़कियों में मच्छरों के प्रवेष को रोकने वाली जाली की प्रयोग करें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें।
डेंगू रोक के लक्षण दिखने पर चिकित्सक से परामर्श लेवें।