कोटा

इस खतरनाक बीमारी का वायरस बदल रहा अपना स्वरूप, हर वक्त है खतरा, संभल कर रहें कोटावासियों…

स्वाइन फ्लू का वायरस अपने आप को हर बार बदल रहा है। बदलती प्रकृति ने चिकित्सकों की भी चिंताएं बढ़ा दी हैं।

कोटाFeb 22, 2018 / 11:16 am

​Zuber Khan

कोटा . स्वाइन फ्लू का वायरस हर दो साल में अपनी प्रकृति बदल रहा है, इस कारण लोगों को खतरा बढ़ता ही जा रहा। सतत बदलती प्रकृति ने चिकित्सकों की भी चिंताएं बढ़ा दी हैं। शुरूआती दौर में इस वायरस ने सर्दी में अटेक किया था। उसके बाद कम सर्दी में प्रभावी हो रहा। अब गर्मी बढऩे के साथ भी स्वाइन फ्लू रोगियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। वर्ष 2017 में जनवरी में एक भी रोगी स्वाइन फ्लू ग्रस्त नहीं आया था, जबकि इस बार 9 रोगी जनवरी मेंं आ चुके हैं। वहीं फरवरी में वर्ष 2017 में 1 रोगी आया था। इस बार अब तक 16 रोगी आ चुके हैं और इनमें से 4 लोगों की मौत स्वाइन फ्लू से हुई है।
 

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सो रहा चिकित्सा विभाग
पिछले वर्ष डेंगू से करीब 70 लोगों की मौत हुई और प्रशासन मूकदर्शक बना रहा। लेट लतीफी के चलते कई परिवारों में मातम छा गया। एक बार फिर स्वाइन फ्लू प्रभावी हो रहा है लेकिन चिकित्सा विभाग की ओर से कोई प्रयास नहीं किए जा रहे। न वेक्सीनेशन की तैयारी और न ही लोक जागरण का प्लान। अतिरिक्त किट व संसाधनों की मांग भी विभाग की ओर से नहीं की गई है। वेक्सीन कब, कहां, कैसे लगाएं, इसकी आमजन को जानकारी नहीं। डेंगू के भी 47 मामले इस मौसम में आना भी चिंता का विषय है।

 

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डब्ल्यूएचओ ने चेताया
श्वांस रोग विशेषज्ञ डॉ. केवल कृष्ण डंग ने बताया कि स्वाइन फ्लू का वायरस अपने आप को हर बार बदल रहा है। डब्लूएचओ ने गाइड लाइन जारी कर इस बार साफ किया है कि भारत में बराबर ऋतु परिवर्तन रहता है, यहां स्वाइन फ्लू का खतरा अब किसी भी समय हो सकता है। डॉ. डंग ने बताया कि अप्रेल में लोग स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए वेक्सीन लगाएं तभी बचाव संभव होगा। चिकित्सकों के अनुसार स्वाइन फ्लू के आने वाले समय में और तेजी से बढऩे की संभावना है।

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