बलात्कार पीड़िता का चेक पास करवाने की एवज में कार्यालय सहायक ने मांगी 5 हजार की रिश्वत,अब भुगतेगा ये सजा
विशिष्ट लोक अभियोजक धीरेन्द्र सिंह चौधरी ने बताया कि 26 मार्च 2014 को पीडि़ता ने रामगंजमंडी अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया। जिसमें उसने बताया कि वह सातलखेड़ी स्थित एक खान में मजदूरी का काम करती है। आरोपी कमलेश बैरवा उर्फ भूरिया, रामप्रसाद, बालचंद व मीना उर्फ मैना उसके घर के निकट रहते है।
विशिष्ट लोक अभियोजक धीरेन्द्र सिंह चौधरी ने बताया कि 26 मार्च 2014 को पीडि़ता ने रामगंजमंडी अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया। जिसमें उसने बताया कि वह सातलखेड़ी स्थित एक खान में मजदूरी का काम करती है। आरोपी कमलेश बैरवा उर्फ भूरिया, रामप्रसाद, बालचंद व मीना उर्फ मैना उसके घर के निकट रहते है।
जो उसकी किशोरी बेटी पर बुरी नजर रखते है। आरोपी भूरिया ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर 15 मार्च 2014 को उसकी किशोरी बेटी का अपहरण कर लिया तथा जिसे झालावाड़ में गोरधनपुरा में देखा गया। इसके पहले भी आरोपी 27 फरवरी 2014 को भी उसे गोरधनपुरा ले गया था। इस मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर बालिका को दस्तयाब कर आरोपी के खिलाफ बलात्कार व पोक्सो का मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
पुलिस ने जांच के बाद मामले में झालावाड़ के मंडावर निवासी कमलेश बैरवा उर्फ भूरिया, झालावाड़ जिले के मंडावर थानाक्षेत्र के गांव गोरधनपुरा निवासी पिंकू बैरवा व सातलखेड़ी निवासी मीना उर्फ मैना के खिलाफ बलात्कार व पोक्सो एक्ट के तहत न्यायालय में चालान पेश किया। जिस आधार पर न्यायालय ने कमलेश बैरवा उर्फ भूरिया व पिंकू बैरवा को दोषी करार दिया। न्यायाधीश ने आरोपियों को दस-दस वर्ष के कठोर कारावास व 40-40 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया।