कोटा दक्षिण और लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र के मतदान केन्द्रों पर नाम जुड़वाने वालों की भीड़ अधिक रही। कई लोग शिकायत लेकर पहुंचे कि उनका नाम पहले मतदाता सूची में था, लेकिन विधानसभा चुनाव में काट दिया गया। इस संबंध में आपत्तियां भी दर्ज की गई।
किरायेदारों से मांगते हैं ये दस्तावेज
डीसीएम रोड पर महिला आईटीआई में लगे शिविर में शाम तक करीब 250 लोग मतदाता सूची में नाम जुड़वाने पहुंचे। इनमें से अधिकांश किरायेदार थे, जो इधर-उधर मकान बदलते रहते हैं। किराएदार मतदाता को नाम जुड़वाने के लिए पुराना मतदाता पहचान पत्र, किराएदार का किरायानामा व पड़ोसी की आईडी फार्म के साथ लगानी पड़ती है।
डीसीएम रोड पर महिला आईटीआई में लगे शिविर में शाम तक करीब 250 लोग मतदाता सूची में नाम जुड़वाने पहुंचे। इनमें से अधिकांश किरायेदार थे, जो इधर-उधर मकान बदलते रहते हैं। किराएदार मतदाता को नाम जुड़वाने के लिए पुराना मतदाता पहचान पत्र, किराएदार का किरायानामा व पड़ोसी की आईडी फार्म के साथ लगानी पड़ती है।
शिविर में छत्रपुरा तालाब से आए एजाज अहमद ने बताया कि पहले वे इन्द्रा मार्केट लखारा पाड़ा में रहते थे, वहीं की मतदाता सूची में नाम था। विधानसभा चुनाव से पहले छत्रपुरा तालाब में किराए से रहने लगे। यहां नाम जुड़वाने आए तो कहा कि मकान मालिक से किरायानामा लेकर आओ। मकान मालिक किरायानामा बनाकर देने में आना कानी कर रहा है।
दो मकानों ने नम्बर एक जैसे होने पर कटा नाम
छत्रपुरा तालाब बस्ती निवासी अब्दुल सलाम ने बताया कि वह जिस गली में रहते हैं, उस गली में उनके मकान व गली के आखिरी मकान का नम्बर 3 ई 12 एक जैसा है। दोनों मकानों के नम्बर एक जैसे होने से हर बार परिवार के सदस्यों का नाम मतदाता सूची से कट जाता है। शिविर में नाम जुड़वाने आया तो वहां वोटर लिस्ट देखकर बीएलओ ने बताया कि इस मकान नम्बर पर तो दूसरा परिवार रह रहा है। जब उसने हकीकत बताई तो बीएलओ ने पुरानी आईडी व पड़ोसी की आईडी मंगवाई है। पता नहीं नाम जुड़ेगा या नहीं।
छत्रपुरा तालाब बस्ती निवासी अब्दुल सलाम ने बताया कि वह जिस गली में रहते हैं, उस गली में उनके मकान व गली के आखिरी मकान का नम्बर 3 ई 12 एक जैसा है। दोनों मकानों के नम्बर एक जैसे होने से हर बार परिवार के सदस्यों का नाम मतदाता सूची से कट जाता है। शिविर में नाम जुड़वाने आया तो वहां वोटर लिस्ट देखकर बीएलओ ने बताया कि इस मकान नम्बर पर तो दूसरा परिवार रह रहा है। जब उसने हकीकत बताई तो बीएलओ ने पुरानी आईडी व पड़ोसी की आईडी मंगवाई है। पता नहीं नाम जुड़ेगा या नहीं।
इधर, फार्म हुए खत्म
छावनी रामचन्द्रपुरा स्थित राबाउमा विद्यालय में शिविर में भीड़ ज्यादा होने से नाम जुड़वाने के लिए फार्म खत्म हो गए। बीएलओ ने 30-40 फार्म मंगवाए। भीड़ को देखते हुए उन्होंने एक फार्म की फोटोकॉपी करवाकर फार्मों की व्यवस्था की। यहां नाम जुड़वाने के लिए सुबह 9 बजे से ही लोग आने शुरू हो गए, जो शाम तक आते रहे।
छावनी रामचन्द्रपुरा स्थित राबाउमा विद्यालय में शिविर में भीड़ ज्यादा होने से नाम जुड़वाने के लिए फार्म खत्म हो गए। बीएलओ ने 30-40 फार्म मंगवाए। भीड़ को देखते हुए उन्होंने एक फार्म की फोटोकॉपी करवाकर फार्मों की व्यवस्था की। यहां नाम जुड़वाने के लिए सुबह 9 बजे से ही लोग आने शुरू हो गए, जो शाम तक आते रहे।
सुबह से शाम तक भीड़
थेगड़ा के रामावि में नाम जुड़वाने के लिए सबसे अधिक नवमतदाता पहुंचे। बीएलओ दिलखुश गुर्जर, रामेश्वर सैन तथा बलविन्द्रसिंह मतदाताओं के फार्म जमा करने में मदद करते रहे। कृषि भूमि पर नई कॉलोनियां बसी होने से नए लोग यहां आए। इसलिए यहां नाम जुड़वाने वालों की संख्या अधिक रही। हालांकि यहां किसी भी राजनीतिक दल के प्रतिनिधि नजर नहीं आए, लोग खुद नाम जुड़वाने के लिए आ रहे थे।
थेगड़ा के रामावि में नाम जुड़वाने के लिए सबसे अधिक नवमतदाता पहुंचे। बीएलओ दिलखुश गुर्जर, रामेश्वर सैन तथा बलविन्द्रसिंह मतदाताओं के फार्म जमा करने में मदद करते रहे। कृषि भूमि पर नई कॉलोनियां बसी होने से नए लोग यहां आए। इसलिए यहां नाम जुड़वाने वालों की संख्या अधिक रही। हालांकि यहां किसी भी राजनीतिक दल के प्रतिनिधि नजर नहीं आए, लोग खुद नाम जुड़वाने के लिए आ रहे थे।