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मामला खुला तो जांच के नाम पर लीपापोती में जुटा प्रशासन

locationकोटाPublished: Jun 11, 2020 12:04:49 am

Submitted by:

mukesh gour

बोरदा में हुए धार्मिक आयोजन में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उडऩे का मामला

मामला खुला तो जांच के नाम पर लीपापोती में जुटा प्रशासन

मामला खुला तो जांच के नाम पर लीपापोती में जुटा प्रशासन

बारां/भंवरगढ़. किशनगंज उपखंड के बोरदा गांव में बुधवार को एक धार्मिक स्थल पर मूति प्राण प्रतिष्ठा व सामूहिक विवाह सम्मेलन के कार्यक्रम की लीपापोती में जुट गया है। किशनगंज के कार्यवाहक उपखंड अधिकारी व तहसीलदार इस मामले की जानकारी सामने आने के बाद मंगलवार रात ही बोरदा पहुंच गए थे, लेकिन अब वे धार्मिक आयोजन में चार-पांच सौ लोगों की भागीदारी होने की जानकारी देकर उच्चाधिकरियों के निर्देशानुसार कार्रवाई की बात कर रहे हैं।
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ऐसे बनी जांच की ‘जलेबी’
किशनगंज के उपखंड अधिकारी शर्मा ने बताया कि वे मातहत अधिकारियों के साथ बोरदा गांव पहुंचे थे तथा उन्होंने लोगों से बातचीत की थी। इसमें वहां नवनिर्मित धर्मस्थल पर मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जानकारी मिली है। कार्यक्रम के लिए जो टेंट लगाया गया था, उसमें लोगों के बैठने की क्षमता भी ढाई से तीन सौ से बीच ही थी। टेंट में हवन के सात कुंड बने हुए थे। मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करने वाले पंडित ने विवाह आयोजन से इनकार किया है। रात को गांव में रुके क्षेत्र के कानूनगो व पटवारी ने भी गांव समेत आसपास के कुछ गांवों में पूछताछ की, जिसमें भी विवाह के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच रिपोर्ट जिला कलक्टर को भेज दी है। अब वहां से निर्देश मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। भंवरगढ़ थाना प्रभारी ने मामले से यह कहते हुए पल्ला झाड़ दिया कि जांच एसडीएम किशनगंज कर रहे हैं। उनकी रिपोर्ट के आधार पर पुलिस जांच आगे बढ़ाएगी।
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नहीं हुई सोशल डिस्टेंसिंग की पालना
उपखंड अधिकारी शर्मा ने स्वीकारा कि आयोजन में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं की गई। कार्यक्रम में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया, हालांकि यह कार्यक्रम दोपहर में शुरू होकर शाम को संपन्न हो गया था।
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ये सवाल जो मांग रहे जवाब
मामले में प्रथम दृष्टया स्थानीय प्रशासन के साथ भंवरगढ़ थाना पुलिस की ढिलाई भी सरकारी तंत्र की पोल खोलती नजर आ रही है। कई सवाल दोनों ही विभागों की प्राथमिक जांच के बाद जवाब मांग रहे हैं।
– इतने बड़े आयोजन की प्रशासन व पुलिस को भनक क्यो नहीं लगी?
– बोरदा गांव भंवरगढ़ से छह किमी दूर है। कार्यक्रम में करीब तीन से चार हजार लोग शामिल हुए थे, इनमें अधिकांश भंवरगढ़ होकर गए थे, इसके बावजूद पुलिस व प्रशासन ने ध्यान क्यों नहीं दिया?
– आयोजन के लिए आयोजकों ने टेंट की व्यवस्था भंवरगढ़ से की थी, ग्रामीण टेंट हाउस से सामान ले गए थे, कर्मचारी नहीं, लेकिन जिम्मेदारों ने फिर भी अनदेखी की?
– उपखंड अधिकारी जिस पंडित के बयान का जिक्र कर रहे है, क्या उसने प्रशासन को जानकारी दी थी?
– कार्यक्रम में परानिया से डीजे मंगवाया गया था, लेकिन कोरोना काल में ध्वनि प्रसारण यंत्रों पर रोक का आदेश हवा कैसे हो गया?
– कार्यक्रम के फोटो व वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, उनकी पुष्टि के लिए पुलिस साइबर विशेषज्ञों की मदद से परहेज क्यों कर रही है?
– फोटो-वीडियो में दूल्हे के वेश में नजर आ रहे किशोर आदि के बारे में प्रशासन व पुलिस ने क्या पता किया?
– आयोजकों के नाम भी प्रशासन व पुलिस की ओर से सार्वजनिक नहीं किए जा रहे, ऐसा क्यों?
– क्या कोरोना संक्रमण के दौरान केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार आयोजन की पूर्व अनुमति ली गई थी, नहीं तो फिर चौबीस घंटे बाद भी अब तक कोई एक्शन क्यो नहीं?
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उपखंड अधिकारी की जांच रिपोर्ट अभी नहीं मिली है, हालांकि उन्होंने आरम्भिक संक्षिप्त रिपोर्ट भेजी है। जिसमें बाल विवाह नहीं होने की जानकारी दी गई है। पूरी रिपोर्ट मिलने के बाद इस मामले में विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।
इन्द्र सिंह राव, जिला कलक्टर
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