कलक्टर ने दिए थे निर्देश जिला कलक्टर ओमप्रकाश कसेरा ने उप जिला कलक्टर को इस मामले में रीछडिय़ा व सारनखेडी गांव के लोगों की संयुक्त बैठक बुलाकर दोनों के बीच सहमति बनाने व सहमति के बाद पत्रावली उन्हें भेजने के निर्देश दिए थे। इसके बाद मंगलवार को तहसील सभागार में रीछडिय़ा सरपंच भूपेन्द्र सिंह शक्तावत, पूर्व सरपंच राधेश्याम मीणा सहित रीछडिय़ा व सारनखेडी गांव के ग्रामीणों की बैठक हुई। उपजिला कलक्टर की अध्यक्षता में हुई बैठक में तहसीलदार राजेन्द्र कुमार शर्मा, सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता देवेन्द्र कुमार अग्निहोत्री, सहायक अभियंता दुलीचंद, अनिल कुमार शामिल थे। करीब एक घंटे से अधिक समय तक यह बैठक चली जिसमें दोनों गांवों से आए ग्रामीणों के बीच सहमति बन गई।
तीन सौ परिवारों को मिलेंगे भूखंड सारनखेड़ी में वर्तमान में तीन सौ परिवार रहते हैं। इन परिवारों को जिला कलक्टर की स्वीकृति के बाद रीछडिय़ा की पठारी में भूखंड का आवंटन किया जाएगा। सोहनपुरा, तमोलिया, तालियाबरड़ी, दुड़कली, दडिय़ा सहित पांच गांवों के सात सौ पिचहत्तर परिवारों को यहां पूर्व में भूखंड आवंटन किया जा चुका है। तीन सौ परिवारों को भूखंड आवंटन होने के बाद छह गांवों के 1075 परिवार यहां निवास करेंगे।
नूरपुरा में बसेंगे रघुनाथपुरा के लोग ताकली बांध विस्थापित सात गांवों में से एक गांव रघुनाथपुरा को नूरपुरा में बसाने के लिए भूखंड का आवंटन किया जा चुका है। जबकि डूब में शामिल तालियाबरड़ी के परिवारों ने रीछडि़या पठारी में मकानों का निर्माण कराकर वहां रहना शुरू कर दिया है।
तमोलिया के कुछ विस्थापितों ने आवंटित भूखंड पर नींव कुर्सी की हुई है। अधिकांश परिवार राज्य सरकार की ओर से मिलने वाली आवास अनुग्रह राशि का इंतजार कर रहे हैं।