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दस रुपए दे दो मैं कहीं चला जाऊंगा…बदतर जिंदगी जी रहे विमंदित वृद्ध

locationकोटाPublished: Dec 14, 2019 07:49:39 pm

Submitted by:

Suraksha Rajora

सड़कों पर मैले कुचले कपड़े पहने घूमता रहा, जहां जगह मिली वहीं सो गया और किसी कुछ खाने को दे दिया तो खा लिया नहीं तो झूठन से पेट भरता…

दस रुपए दे दो मैं कहीं चला जाऊंगा...बदतर जिंदगी जी रहे विमंदित वृद्ध

दस रुपए दे दो मैं कहीं चला जाऊंगा…बदतर जिंदगी जी रहे विमंदित वृद्ध

कोटा. सालों से सड़कों पर मैले कुचले कपड़े पहने घूमता रहा, जहां जगह मिली वहीं सो गया और किसी कुछ खाने को दे दिया तो खा लिया नहीं तो झूठन से पेट भरता रहा। वर्षों से उसे किसी ने नाम लेकर नहीं पुकारा तो वह अपना नाम ही भूल गया। यह पीड़ा है सोगरिया से शुक्रवार को अपना घर में लाए गए विमंदित की।
सुबह साढ़े सात बजे सोगरिया से किसी ने अपना घर के सचिव मनोज जैन आदिनाथ और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को विमंदित के विपरीत हालत में होने की सूचना दी। इस सूचना पर अपना घर की टीम एम्बुलेंस लेकर सोगरिया पहुंची। यहां स्थानीय नागरिक मनोज दुबे ने इस विमांदित को अपना घर की टीम को सुपुर्द कराते हुए बताया कि काफी दिनों से यह इसी हालत हैं।
इसका परिवार भी यहीं रहता है, लेकिन इसके विमंदित होने के कारण इस पर कोई ध्यान नहीं देता। टीम उसे लेकर अपना घर पहुंची और वहां स्नान कराके नए कपड़े पहनाए और उपचार शुरू किया। दोपहर तक उसकी हालत में काफी सुधार हुआ, लेकिन वह अपना नाम और परिजनों की जानकारी नहीं दे पाया।
बस यही कहता रहा दस रुपए दे दो मैं कहीं चला जाऊंगा। दोपहर बाद अपना घर के सचिव मनोज जैन आदिनाथ से इस वृद्ध से बात की तो वहां स्वास्थ्य में सुधार नजर आया।
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