प्रतिवर्ष चार लाख यूनिट बिजली का हो रहा उत्पादन इससे पहले आरटीयू परिसर में 300 किलो वाट पावर का सोलर पावर प्लांट जनवरी 2018 से कार्य कर रहा है, जिसकी लागत लगभग 1.8 करोड़ रुपए आई थी। यह कार्य रूसा के बजट करवाया गया था। इस प्लांट से प्रतिवर्ष लगभग चार लाख यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है। विवि द्वारा स्वयं की आवश्यकता उपरांत शेष बिजली कम्पनी केडीईएल कोटा को सपोर्ट कर दी जाती है। इससे तकनीकी विश्वविद्यालय को प्रति वर्ष लगभग 4,00000 की आय होती है।
सोलर प्लांट लगाने के ये फ ायदे इससे कार्बन फु टप्रिंट में कमी आती है और पोलूशन कम होता है। पर्यावरण को होने वाली हानि कम हो जाती है। यह प्लांट लगाने से अन्य प्लांट की तरह किसी तरीके की आवाज नहीं होती। इसलिए नॉइस पोलूशन से भी बचा जा सकता है।
सोलर प्लांट से बिजली के बिल में भी भारी कमी आती है। इसकी मेंटेनेंस के चार्जेज भी न्यूनतम है। सोलर एनर्जी एक रिन्यूएबल एनर्जी है। जिससे हम अनंत काल तक सूर्य की ऊर्जा का उपयोग कर सकते हैं।
सोलर एनर्जी से बिजली के निर्माण में लगने वाली लागत भी कम लगती है।