देव शर्मा ने बताया कि वर्ष-2019 तक आयोजित की जाने वाली मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट, एम्स एवं जिप्मेर के पात्रता मानकों में काफी भिन्नता थी। आगामी नीट-2020 के आयोजन से पूर्व क्या नेशनल टेस्टिंग एजेंसी पात्रता मानकों में परिवर्तन करेगी? उपरोक्त संशय को लेकर ओबीसी-श्रेणी के मेडिकल परीक्षार्थी विशेषज्ञों से संपर्क साधते रहे। ज्ञात रहे कि नीट-2019 के 14 लाख परीक्षार्थियों में से 6 लाख से अधिक परीक्षार्थी ओबीसी श्रेणी के थे। विद्यार्थीयों के प्रतिभा आंकलन के लिए एम्स तथा जिप्मेर जैसी प्रतिष्ठित मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं के प्रश्नों में विविधता होती है। देव शर्मा ने बताया कि नीट- 2019 तक यह विविधता नीट के परीक्षा पैटर्न से गायब थी। अत: यदि एजेंसी शैक्षणिक स्तर के उच्च मानकों को कायम रखना चाहती है तो निश्चित तौर पर नीट-2020 के परीक्षा पैटर्न में कुछ बदलाव करेंगी।