script

जिसे माफिया खोद रहे, वह देश का सबसे बड़ा और दुर्लभ क्रेटर

locationकोटाPublished: Aug 10, 2020 12:14:34 am

Submitted by:

mukesh gour

रामगढ़ क्रेटर : वैज्ञानिकों की रिपोर्ट के अनुसार क्रेटर में हैं निकल, आयरन, कोबाल्ट, फॉस्फोरस के तत्व

जिसे माफिया खोद रहे, वह देश का सबसे बड़ा और दुर्लभ क्रेटर

जिसे माफिया खोद रहे, वह देश का सबसे बड़ा और दुर्लभ क्रेटर

किशनगंज. रामगढ में स्थित जिस क्रेटर को माफिया महज चन्द मुनाफे के लिए नुकसान पंहुचा रहे हैं, वह देश का पहला सबसे बडा दुर्लभ क्रेटर है। यहां खनन माफिया ग्रेवल का खनन करने में जुटे हैं। इन पर अंकुश लगाने के लिए अब तक किसी ने भी जिम्मेदारी नहीं ली है। वन क्षेत्र में स्थित इस क्रेटर की सुरक्षा वनविभाग के जिम्मे है। वह भी फिलहाल सुरक्षाकर्मियों की कमी के चलते मजबूर है। करीब 3.2 किलोमीटर के व्यास में फैले इस दुर्लभ क्रेटर व आसपास के वनों की सुुरक्षा के फिलहाल कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। बारां जिले को देश में पहचान दिलाने वाले क्रेटर पर माफियाओं का खतरा दिनोंदिन पैर पसार रहा है। देश में तीन क्रेटर हैं। इनमें से एक बारां जिले के रामगढ़ में है। दूसरा महाराष्ट्र के बुलढाना जिले के लोनार में है। तीसरा मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में ढाला का है। रामगढ़ का यह देश में सबसे बड़ा है। इसका व्यास करीब 3.2 किमी है। यह 650 करोड़ वर्ष पुराना है। यह देश की दुर्लभ साइड है। यह जमीन से 200 मीटर ऊंचा है। समुद्रतल से इसकी ऊंचाई 260 मीटर है। वैज्ञानिकों की एक टीम द्वारा इस क्रेटर में उल्कापिंड गिरने की जांच की थी। इसकी रिपोर्ट में अब स्पष्ट हो चुका है कि क्रेटर में आयरन से लेकर निकल, कोबाल्ट, फॉस्फोरस मिले हैं। जून 2018 में टीम रामगढ़ क्रेटर को वैधानिक मान्यता दिलाने के लिए जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और इंटेक के सेंटर ऑफिस की क्रेटर एक्सपर्ट टीम ने यहां सर्वेक्षण किया है। टीम में यूनेस्को जियो हैरिटेज से जुड़े डॉ. पुष्पेंद्र सिंह राणावत, रामगढ़ क्रेटर पर रिसर्च कर चुके डॉ. एनके चैहान, डॉ. विनोद अग्रवाल और जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के सीनियर जियोलॉजिस्ट अभिषेक आनंद ने रामगढ़ पहुंचकर इसकी खोजबीन की थी। यहां हुए रिसर्च कार्य की रिपोर्ट में क्रेटर में निकल, आयरन, कोबाल्ट, फॉस्फोरस के तत्व मिले हैं।
read also : भारी बारिश की चेतावनी, फिर भी बढ़ाया चम्बल की एक नहर में पानी

सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए जाएंगे : एसडीएम
एसडीएम गौरव मित्तल ने बताया कि इस बारे में पत्रिका के माध्यम से जानकारी मिली। पूरे मामले में जांच करवा रहे हैं। वनविभाग, पुलिस व राजस्व विभाग की मीटिंग कर इस दुर्लभ स्थान की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। क्षेत्रीय वन अधिकारी भूपेन्द्र सिंह हाड़ा का कहना है कि क्रेटर व वनक्षेत्र की पुख्ता सुरक्षा हो इसके लिए उच्चाधिकारियों को रामगढ़ नाके पर पर्याप्त वनकमिर्मयों को तैनात करने के लिए लिखित में अवगत करवाएंगे। फिलहाल रेंज क्षेत्र में वनकर्मियों की भारी कमी है।
read also : वैश्विक धरोहर रामगढ़ क्रेटर में माफिया लगा रहे सेंध

ऐसा है रामगढ़ क्रेटर
रामगढ़ गड्ढा, जिसे रामगढ़ संरचना, रामगढ़ डोम और रामगढ़ ज्योतिष के रूप में भी जाना जाता है। बारां जिले की मांगरोल तहसील में रामगढ़ गांव के निकट स्थित विंध्य श्रेणी के कोटा पठार में 3.5 किलोमीटर (2.2 मील) व्यास का एक उल्का पिंड से बना खड्ड है। इसे औपचारिक रूप से भारत में तीसरे गड्ढे के रूप में स्वीकार किया जाता है। इसका व्यास आकार के तौर पर भारत में पहले से ही पुष्टि किए गए दो क्रेटरों के बीच का होगा। इनमें से पहला मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में स्थित ढाला 14 किमी व्यास के साथ और महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में लोनार 1.8 किमी व्यास शामिल हैं। इसे राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक स्मारक के रूप में नामित किया गया है। इसके समीप भंडदेवरा मंदिर जिन्हें खजुराहो समूह के स्मारक की शैली के 10 वीं शताब्दी में बने शिव मंदिरों के समकालीन माना जाता है। इस के्रटर से 50-60 किमी दूर मप्र स्थित कूनों नेशनल पार्क है। कोटा से इस क्रेटर की दूरी 110 किमी, जयपुर से 250 और दिल्ली से 500 किमी है।

ट्रेंडिंग वीडियो