लहसुन खरीद का मामला: सरकार की लेटलतीफी से लुट गए किसान, 19 दिन में 15 करोड़ की चपत
प्रतिकूल हुआ मौसम
किसानों ने शुष्क व तेज गर्मी के मौसम में लहसुन भंडारित किया था। उस समय लहसुन खराब नहीं हुआए लेकिन अब प्री.मानसून की बारिश हो चुकी है। मानसून आने वाला है। वातावरण में नमी है। ऐसे में घरों में भंडारित लहसुन के लिए नमी वाला मौसम प्रतिकूल है। किसान लहसुन बेचने में देरी कर गए तो घर में रखे.रखे ही लहसुन खराब हो जाएगा।
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भंडारण की व्यवस्था नहीं
किसानों के अनुसार कोटा संभाग में 80 प्रतिशत किसान लहसुन बेच चुके हैं। केवल 20 प्रतिशत किसान बचे हैंए जो बाजार हस्तक्षेप योजना में लहसुन खरीद शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। अधिकांश किसानों के पास लहसुन भण्डारण की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से अब लहसुन खराब होने लगा है।
25 प्रतिशत लहसुन सडऩे लग गया
लाडपुरा तहसील के किशनपुरा निवासी हनुमान नागर ने बताया कि 25 बीघा में लहसुन की फसल की। करीब 200 क्विंटल पैदावार हुई। सरकारी खरीद शुरू होने के इंतजार में दो माह से कच्चे घर में लहसुन भर रखा है। बाजार में भी नहीं बेचा। अब लहसुन सडऩे लगा है। करीब 25 प्रतिशत लहसुन खराब हो चुका है। जल्द खरीद शुरू नहीं हुई तो पूरा लहसुन खराब हो जाएगा।
भाव नहीं मिले तो फेंकना पड़ा
बारां जिले के कुंजीर निवासी रामदयाल ने बताया कि 6 बीघ में लहसुन किया। तेज गर्मी के चलते करीब 30 प्रतिशत लहसुन खराब हो गया है। कुछ लहसुन बारां मंडी में बेचने गया तो भाव नहीं मिलने से बिना बेचे ही फेंककर आना पड़ा। लहसुन के ढेर सडऩे लग गए हैं। जिसे बाहर निकालकर फेंकना पड़ रहा है। सरकारी खरीद का इंतजार करते करते कहीं सारा लहसुन की खराब न हो जाएए इसकी चिंता सता रही है।