scriptपत्रिका की खबर का असर: लोकसभा अध्यक्ष व यूडीएच मंत्री तक पहुंचा मामला और तुरंत हुआ एक्शन | The matter reached the Lok Sabha Speaker and UDH Minister and immediat | Patrika News

पत्रिका की खबर का असर: लोकसभा अध्यक्ष व यूडीएच मंत्री तक पहुंचा मामला और तुरंत हुआ एक्शन

locationकोटाPublished: Jun 04, 2023 05:56:15 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

एमबीएस अस्पताल में 18 वर्ष से अधिक उम्र के थैलेसीमिया पीडि़त मरीजों को ब्लड ट्रांसफ्यूजन में हो रही परेशानी का मामला राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष व यूडीएच मंत्री तक पहुंच गया। उसके बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन हरकत में आ गया। मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. संगीता सक्सेना शनिवार को खुद एमबीएस अस्पताल पहुंचकर थैलेसीमिया पीडि़त मरीजों के लिए वार्ड व भर्ती की व्यवस्था की।
 
 

पत्रिका की खबर का असर: लोकसभा अध्यक्ष व यूडीएच मंत्री तक पहुंचा मामला और तुरंत हुआ एक्शन

पत्रिका की खबर का असर: लोकसभा अध्यक्ष व यूडीएच मंत्री तक पहुंचा मामला और तुरंत हुआ एक्शन

कोटा. एमबीएस अस्पताल में 18 वर्ष से अधिक उम्र के थैलेसीमिया पीडि़त मरीजों को ब्लड ट्रांसफ्यूजन में हो रही परेशानी का मामला राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष व यूडीएच मंत्री तक पहुंच गया। उसके बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन हरकत में आ गया। मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. संगीता सक्सेना शनिवार को खुद एमबीएस अस्पताल पहुंचकर थैलेसीमिया पीडि़त मरीजों के लिए वार्ड व भर्ती की व्यवस्था की।
डॉ. सक्सेना ने बताया कि सबसे पहले एमबीएस अधीक्षक डॉ. दिनेश वर्मा, अतिरिक्त अधीक्षक डॉ. एचके गुप्ता, मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. दीप्ती शर्मा, शिशुरोग विभागाध्यक्ष डॉ. अमृता मंयगर, सहायक आचार्य डॉ. जीतन सिंह मीणा, थैलेसीमिया प्रभारी डॉ. पवन सुलानिया के साथ बैठक की। उसके बाद एमबीएस अस्पताल में मेल मेडिकल ए वार्ड के पीछे बने हीमोफिलिया वार्ड व व गैलरी में अलग से बेड की व्यवस्था की गई। वहां थैलेसीमिया रोग से ग्रसित 18 वर्ष से अधिक आयु के मरीजों को भर्ती कर ब्लड ट्रांसफ्यूजन हो सकेगा। गैलरी में साफ-सफाई करवाकर बेड लगाने की व्यवस्था की गई। गैलरी में गमले रखकर पौधे लगाने के लिए कहा।
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जेके लोन अस्पताल से दो नर्सिंग स्टाफ को यहां नियुक्त कर दिए। मेडिसिन यूनिट के चिकित्सक इन मरीजों को देखेंगे। इन मरीजों के लिए 125 नम्बर पुरानी इमरजेंसी में सीधे भर्ती के लिए आईपीडी टिकट बनेगा। वहां से सीधे वार्ड में भर्ती हो सकेंगे। एमबीएस अधीक्षक फिल्टर जेके लोन अधीक्षक से लोन पर लेकर थैलेसीमिया रोग से ग्रसित मरीजों के उपचार के लिए उचित व्यवस्था करेंगे। डॉ. सक्सेना ने बताया कि इन मरीजों को 24 घंटे रोकने की बजाए डे केयर में रखने के लिए चिकित्सा शिक्षा सचिव से बात की है।
थैलेसीमिया पीड़ितों के लिए राहत की जगह आफत बनी चिरंजीवी योजना

भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ संयोजक एवं जीएमए अध्यक्ष राकेश जैन के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने लोकसभा अध्यक्ष से मिलकर थैलीसीमिया से जूझ रहे रोगियों की पीड़ा बताई। इस पर स्पीकर बिरला ने मेडिकल कॉलेज प्राचार्य से वार्ता कर रोगियों के समस्या के समाधान करने के दिशा-निर्देश दिए। जैन ने बताया कि पहले थैलेसीमिक मरीजों को डे केयर यूनिट में भर्ती कर ब्लड चढ़ाया जाता था और शाम को वे अपने घरों तक पहुंच जाते थे, लेकिन वर्तमान में चिरंजीवी योजना में लागू प्रावधानों के तहत मरीज़ों को 24 घंटे भर्ती रहने को मजबूर किया जा रहा है। थैलेसीमिया सोसायटी के हरविंदर सिंह एवं नवीन तोतलानी ने बताया कि थैलेसीमिया मरीजों को अलग-अलग वार्ड में भर्ती करने से इन्फेक्शन का खतरा रहता है। ऐसे में उनके लिए एक ही वार्ड होना चाहिए।
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वहीं, पार्षद सलीना शेरी ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को ज्ञापन देकर थैलेसीमिया पीड़ित को रक्त चढ़ाने में आ रहे समस्या समाधान की मांग की। सलीना शेरी ने बताया कि एमबीएस अस्पताल में एक छत के नीचे ब्लड ट्रांसफ्यूजन की व्यवस्था नहीं होने के कारण मरीज व उनके अभिभावक खासे परेशान हैं। इन बच्चों व अभिभावकों को सुबह से शाम तक इधर से उधर चक्कर कटवाए जा रहे हैं। इन मरीजों के लिए अलग से वार्ड, डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ नियुक्त की मांग की। थैलेसीमिया सोसाइटी के अध्यक्ष सुनील जैन ने भी नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल को थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों की समस्याओं के बारे में जानकारी दी
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