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विजय की एक दिन पहले रात के समय कुछ लोगों ने रेलवे अस्पताल के पास घेरकर धारदार हथियारों से हमला कर हत्या कर दी थी। गुरुवार को सुबह एबीएस अस्पताल की मोर्चरी के बाहर मीडिया से बातचीत में आशुतोष ने रेलवे कॉलोनी सीआई शिवराज गुर्जर व बीड कांस्टेबल विशाल समेत अन्य पुलिस अधिकारियों पर आरोप लगाए कि पुलिस समय रहते आरोपितों को गिरफ्तार कर लेती तो उसके भाई की जान नहीं जाती। पुलिस की लापरवाही से ही आरोपितों के हौंसले बुलंद हुए जिस कारण उन्होंने उनके भाई की सरेआम हत्या कर दी। वह 24 घंटे में आरोपितों की गिरफ्तारी व पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग पर अड़े रहे। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि आरोपित जल्दी गिरफ्तार नहीं हुए तो वह परिवार समेत आत्मदाह कर लेंगे।
इधर मृतक के मित्र राहुल प्रजापति का कहना है कि हत्या से कुछ समय पहले तक विजय स्टेशन क्षेत्र में निकले कैंडल मार्च में शामिल हुआ था। हत्या के बाद बेटे का शव देखकर उसकी मां साधना सिंह व पिता महेन्द्र समेत पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल था।
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बीए प्रथम वर्ष के चल रहे हैं पेपर जानकारों ने बताया कि महेन्द्र प्रताप सिंह के तीन पुत्र हैं। जिनमें से सबसे बड़ा आशुतोष एमटेक कर रहा है। विजय सिंह दूसरे नम्बर का था। वह बीए प्रथम वर्ष का छात्र था उसकी परीक्षाएं चल रही हैं। वहीं सबसे छोटा सुभांशु भी पढ़ाई कर रहा है।
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आरोपितों की तलाश, परिजनों से पूछताछ
इधर पुलिस उप अधीक्षक शिव भगवान गोदारा ने बताया कि मृतक के भाई आशुतोष की रिपोर्ट पर 6 जनों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर आरोपितों की तलाश व गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे है। वहीं जिन भी लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दी है। उनके परिजनों को थाने लाकर पूछताछ की जा रही है। फिलहाल पोस्ट मार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है।