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Indian Railway: सात राज्यों की तस्वीर बदल देगी ट्रेनों की तेज रफ्तार

locationकोटाPublished: Mar 14, 2022 11:26:07 pm

Submitted by:

Jaggo Singh Dhaker

दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग आने वाले दो सालों में तेज गति वाले रेलमार्ग में तब्दील हो जाएगा। यह मिशन रफ्तार प्रोजेक्ट 6806 करोड़ रुपए में पूरा होगा।

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कोटा. दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग आने वाले दो सालों में तेज गति वाले रेलमार्ग में तब्दील हो जाएगा। मिशन रफ्तार की इस योजना के पूरा होने पर सात राज्यों की लाइफ की रफ्तार भी बढ़ जाएगी। वंदे भारत जैसी आधुनिक ट्रेनें दौड़ेंगी तो सफर का अनुभव ही बदल जाएगा। दिल्ली से मुंबई तक करीब 1380 किमी टे्रक को उच्च गति के लिए सक्षम बनाने पर करीब 6806 करोड़ रुपए खर्च होंगे। पुरानी पटरियों को भी बदला जा रहा है और घुमावों को सीधा करके वहां नया ट्रेक बनाया जा रहा है। इसके साथ ही बड़ी लागत से वडोदरा-अहमदाबाद के बीच हाई स्पीड ट्रेक बन रहा है। इस पर बड़ी राशि खर्च होगी। इस तरह दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग (वडोदरा-अहमदाबाद सहित) 1483 किलोमीटर लंबा है जो 7 राज्यों दिल्ली, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरता है। इससे नई दिल्ली-मुंबई के बीच लगने वाले यात्रा समय में 3.5 घंटे की कमी आएगी। इससे यह पूरी तरह से रातभर की यात्रा बन जाएगी। दिल्ली-मुंबई मार्ग की अधिकतम गति बढ़ाने से सेमी हाई स्पीड वाली ट्रेनों की गति में भी बढ़ोतरी होगी।
दिल्ली-मुम्बई रेलमार्ग पर ट्रेनों की गति बढ़ाकर 160 किलोमीटर प्रति घंटा करने की मिशन रफ्तार योजना से बेहतर गति, सेवा, सुरक्षा, संरक्षा और क्षमता निर्माण सुनिश्चित होगा। रेलवे ट्रेनों की औसत गति में सुधार लाने के लिए मिशन के रूप में काम कर रही है। गति बढ़ाने से पैसेंजर ट्रेनों की औसत गति में 60 प्रतिशत तक बढ़ोतरी होगी और माल यातायात की औसत गति दोगुनी होगी। सुरक्षित एलएचबी कोच के रैक ही इस मार्ग पर दौड़ेंगे। हाईपीड को ध्यान में रखकर आधुनिक तकनीक के 799 रैक की जरूरत पूरी करने के लिए कोचों का निर्माण अभी तक किया जा चुका है। आधुनिक कोचों के रैक का कोटा मंडल में 185 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार तक ट्रेन चलाने का परीक्षण हो चुका है। इस परियोजना के निर्माण के दौरान रोजगार को बढ़ावा देने में भी मदद मिली है। इससे प्रत्यक्ष रूप से 3.6 करोड़ से अधिक कार्य दिवसों का सृजन होगा। इस परियोजना से मार्ग की प्रवाह क्षमता में 30-35 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी जिससे भविष्य में पीपीपी मॉडल का मार्ग प्रशस्त होगा। दिल्ली से मुंबई का सफल 12 घंटे में सफर पूरा होगा। अभी 15 घंटे से ज्यादा समय लगता है
कोटा के डीआरएम पंकज शर्मा ने बताया कि दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर ट्रेनों रफ्तार 160 किमी प्रति घंटे करने की परियोजना का कार्य अच्छी गति से चल रहा है। कोटा मंडल में कई जगह कार्य प्रगति पर है। दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग की रफ्तार 160 किमी प्रति घंटे होने पर राजस्थान के भरतपुर, बयाना, हिंडौन सिटी, गंगापुरसिटी, सवाई माधोपुर, रामगंजमंडी और भवानीमंडी स्टेशन से सफर शुरू करने वाले यात्रियों का सफर कम समय में पूरा होगा। दिल्ली-मुंबई जैसे महानगरों तक पहुंच आसान जो जाएगी। वहीं सात राज्यों के लिए ज्यादा ट्रेनें उपलब्ध होंगी।
इस मार्ग पर भी तेज गति से दौड़ेगी ट्रेन
मिशन रफ्तार के एक हिस्से के रूप में सरकार ने दिल्ली-हावड़ा मार्ग के लिए भी इसी तरह की मंजूरी दी है, जो दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग के साथ मिलकर यात्री यातायात में 29 फीसदी और मालभाड़ा यातायात में 20 फीसदी का योगदान करता है। रेलवे अपने समस्त गोल्डन चतुर्भुजीय और विकर्णों को कवर करने के लिए भी काम कर रही है। इसका पूरे भारतीय रेल नेटवर्क में 16 फीसदी हिस्सा है।
इस मार्ग पर चलेगी बुलेट ट्रेन
मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर पर भी तेजी से काम चल रहा है। कॉरिडोर बना रही एजेंसी ने 116 किमी तक ट्रेक बिछाने के लिए जापान रेलवे ट्रेक कंसल्टेंट कंपनी लिमिटेड (जेआरटीसी) के साथ एमओयू साइन किया है। गुजरात के वडोदरा से लेकर साबरमती डिपो और वर्कशॉप के लिए 116 किमी लंबा ट्रेक बिछाया जाएगा। इसके लिए रेलवे प्री कास्ट तकनीक का सहारा ले रही है।
रफ्तार को ऐसे बढ़ाया जाएगा
दिल्ली-मुंबई रूट पर करीब 1380 किमी ट्रेक के दोनों तरफ फेंसिंग की जाएगी
दोनों तरफ फेंसिंग होने से ट्रेक पर कोई भी नहीं आ पाएगा, जिसकी वजह से ट्रेन दुर्घटना नहीं होगी।
दोनों रूटों पर मौजूदा लेवल क्रॉसिंग्स को भी खत्म किया जाएगा।
इसके साथ ही हैवी ट्रेक्स यानि मजबूत पटरियों को लगाया जाएगा।
ट्रेक के ऊपर लगे बिजली तारों को भी बदला जाएगा।
स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली, मोबाइल ट्रेन रेडियो संचार और स्वचालित और यंत्रीकृत प्रणालियों का उपयोग होगा।
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