इस मार्ग पर भी तेज गति से दौड़ेगी ट्रेन
मिशन रफ्तार के एक हिस्से के रूप में सरकार ने दिल्ली-हावड़ा मार्ग के लिए भी इसी तरह की मंजूरी दी है, जो दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग के साथ मिलकर यात्री यातायात में 29 फीसदी और मालभाड़ा यातायात में 20 फीसदी का योगदान करता है। रेलवे अपने समस्त गोल्डन चतुर्भुजीय और विकर्णों को कवर करने के लिए भी काम कर रही है। इसका पूरे भारतीय रेल नेटवर्क में 16 फीसदी हिस्सा है।
इस मार्ग पर चलेगी बुलेट ट्रेन
मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर पर भी तेजी से काम चल रहा है। कॉरिडोर बना रही एजेंसी ने 116 किमी तक ट्रेक बिछाने के लिए जापान रेलवे ट्रेक कंसल्टेंट कंपनी लिमिटेड (जेआरटीसी) के साथ एमओयू साइन किया है। गुजरात के वडोदरा से लेकर साबरमती डिपो और वर्कशॉप के लिए 116 किमी लंबा ट्रेक बिछाया जाएगा। इसके लिए रेलवे प्री कास्ट तकनीक का सहारा ले रही है।
मिशन रफ्तार के एक हिस्से के रूप में सरकार ने दिल्ली-हावड़ा मार्ग के लिए भी इसी तरह की मंजूरी दी है, जो दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग के साथ मिलकर यात्री यातायात में 29 फीसदी और मालभाड़ा यातायात में 20 फीसदी का योगदान करता है। रेलवे अपने समस्त गोल्डन चतुर्भुजीय और विकर्णों को कवर करने के लिए भी काम कर रही है। इसका पूरे भारतीय रेल नेटवर्क में 16 फीसदी हिस्सा है।
इस मार्ग पर चलेगी बुलेट ट्रेन
मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर पर भी तेजी से काम चल रहा है। कॉरिडोर बना रही एजेंसी ने 116 किमी तक ट्रेक बिछाने के लिए जापान रेलवे ट्रेक कंसल्टेंट कंपनी लिमिटेड (जेआरटीसी) के साथ एमओयू साइन किया है। गुजरात के वडोदरा से लेकर साबरमती डिपो और वर्कशॉप के लिए 116 किमी लंबा ट्रेक बिछाया जाएगा। इसके लिए रेलवे प्री कास्ट तकनीक का सहारा ले रही है।
रफ्तार को ऐसे बढ़ाया जाएगा
दिल्ली-मुंबई रूट पर करीब 1380 किमी ट्रेक के दोनों तरफ फेंसिंग की जाएगी
दोनों तरफ फेंसिंग होने से ट्रेक पर कोई भी नहीं आ पाएगा, जिसकी वजह से ट्रेन दुर्घटना नहीं होगी।
दोनों रूटों पर मौजूदा लेवल क्रॉसिंग्स को भी खत्म किया जाएगा।
इसके साथ ही हैवी ट्रेक्स यानि मजबूत पटरियों को लगाया जाएगा।
ट्रेक के ऊपर लगे बिजली तारों को भी बदला जाएगा।
स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली, मोबाइल ट्रेन रेडियो संचार और स्वचालित और यंत्रीकृत प्रणालियों का उपयोग होगा।
दिल्ली-मुंबई रूट पर करीब 1380 किमी ट्रेक के दोनों तरफ फेंसिंग की जाएगी
दोनों तरफ फेंसिंग होने से ट्रेक पर कोई भी नहीं आ पाएगा, जिसकी वजह से ट्रेन दुर्घटना नहीं होगी।
दोनों रूटों पर मौजूदा लेवल क्रॉसिंग्स को भी खत्म किया जाएगा।
इसके साथ ही हैवी ट्रेक्स यानि मजबूत पटरियों को लगाया जाएगा।
ट्रेक के ऊपर लगे बिजली तारों को भी बदला जाएगा।
स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली, मोबाइल ट्रेन रेडियो संचार और स्वचालित और यंत्रीकृत प्रणालियों का उपयोग होगा।